Haryana News: हरियाणा में पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई, लगेगा भारी जुर्माना, सरकार ने जारी करा आदेश

Top Haryana News: पलवल जिले के डीसी डॉ. हरीश कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देश पर पराली जलाने के मामलों में अब सख्त कार्रवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि यदि पराली जलाने वाले कुछ किसानों को जेल भेजा जाए तो बाकी किसानों को भी स्पष्ट संदेश मिलेगा और यह समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
5 हजार से 30 हजार तक जुर्माना और FIR
डीसी ने बताया कि पराली जलाने पर किसानों को 5 हजार से लेकर 30 हजार रुपए तक जुर्माना देना पड़ सकता है। इतना ही नहीं,\ दोषी किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी।
इसके अलावा किसानों को अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचने से 2 साल तक रोका जा सकता है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पराली जलाने वाले किसानों की फसल सरकारी रेट पर नहीं खरीदी जाएगी।
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अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
डॉ. हरीश कुमार ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और अन्य संबंधित विभागों की बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में पराली जलाने की कोई घटना न हो। इस काम में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने साफ कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने और इसके नुकसान के बारे में जागरूक करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
पराली से आमदनी का जरिया
डीसी ने किसानों से अपील की कि वे पराली को जलाने की बजाय इसे आमदनी का साधन बनाएं। सरकार भी किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन राशि दे रही है। पराली का सही उपयोग कर किसान बायो-गैस, खाद और चारे के रूप में फायदा उठा सकते हैं।
पर्यावरण और मिट्टी पर असर
पराली जलाने से सिर्फ पर्यावरण ही प्रदूषित नहीं होता बल्कि खेत की मिट्टी की गुणवत्ता भी खराब होती है। इससे अगली फसल की पैदावार पर नकारात्मक असर पड़ता है।
खेत में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और जमीन की उर्वरक क्षमता घट जाती है। यही कारण है कि सरकार किसानों को पराली न जलाने और वैकल्पिक उपाय अपनाने पर जोर दे रही है।
शिकायत करने का नंबर
डीसी ने बताया कि आमजन पराली जलाने की घटना की सूचना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के हेल्पलाइन नंबर 01275-254060 पर दे सकते हैं। लोगों की मदद से ही इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।