Haryana News: पत्नी से झगड़ा करना सरपंच को पड़ा भारी, गंवाई कुर्सी
Haryana News: हरियाणा के हिसार जिले मे एक सरपंच को अपनी पत्नी के साथ झगड़ा करने की भारी कीमत अदा करनी पड़ी, दरअसल इस झगड़े के दौरान सरपंच को अपनी कुर्सी से ही हाथ धोना पड़ गया आइए जानते है पूरे माममले को...

TOP HARYANA: हरियाणा के हिसार जिले में एक सरपंच को अपनी पत्नी से झगड़ा करना महंगा पड़ गया। पत्नी ने उस पर उत्पीड़न, किडनैपिंग और जबरदस्ती गर्भपात कराने जैसे गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद पत्नी ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ते हुए न सिर्फ उसे अदालत में घसीटा, बल्कि सरपंच पद से भी हटा दिया।
पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
सरपंच की पत्नी सुमन ने शिकायत में बताया कि उसके पति ने उसके साथ शादी के बाद मारपीट शुरू कर दी। जब वह गर्भवती हुई तो सरपंच ने जबरदस्ती गर्भ गिराने की गोलियां खिलाईं। सुमन ने अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट और अन्य सबूत जिला प्रशासन के सामने पेश किए। सुमन का आरोप है कि दूसरी बार जब वह गर्भवती हुई तो सरपंच ने पेट में मुक्के मारकर उसका गर्भपात करा दिया। इसके बाद सुमन मायके चली गई, लेकिन वहां भी उसे धमकाया गया और अपहरण की कोशिश की गई।
कानूनी कार्रवाई शुरू
पत्नी की शिकायत के बाद सरपंच के खिलाफ 2022 में केस दर्ज किया गया। यह मामला हिसार की सेशन कोर्ट में चल रहा था। सरपंच ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट के अंतिम आदेश पर रोक लगवा दी। हालांकि, हाईकोर्ट ने सरपंच पद से हटाने पर कोई रोक नहीं लगाई थी।
सरपंच पद से हटाने का आदेश
हिसार के डिप्टी कमिश्नर (DC) अनीश यादव ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 के तहत सरपंच को पद से हटाने का आदेश दिया। DC ने कहा कि सरपंच के खिलाफ जघन्य अपराध के मामले दर्ज हैं, और यह कानून के अनुसार उसे पद से हटाने का आधार है।
22 जनवरी 2025 को जिला प्रशासन ने सरपंच और उसकी पत्नी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया। सुनवाई में सुमन ने अपने सबूत पेश किए और कहा कि सरपंच ने गंभीर अपराध किए हैं। वहीं, सरपंच ने हाईकोर्ट में केस की दलील देकर बचने की कोशिश की। लेकिन जब प्रशासन ने पूछा कि क्या हाईकोर्ट ने सरपंच पद पर बने रहने का आदेश दिया है, तो सरपंच के पास इसका कोई जवाब नहीं था। इसके बाद DC ने सरपंच को पद से हटाने का आदेश पारित कर दिया।
पत्नी की कानूनी लड़ाई रंग लाई
सुमन ने इस मामले में फरवरी 2024 में जिला प्रशासन को शिकायत दी थी। हालांकि, कई महीनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बावजूद सुमन ने हार नहीं मानी और कानूनी लड़ाई जारी रखी। अंततः उसके सबूत और तर्क काम आए, और सरपंच को न केवल अपने पद से हटना पड़ा, बल्कि उसकी छवि भी खराब हो गई।
वकील ने क्या कहा
सुमन के वकील करण सिंह ने बताया कि सरपंच लगातार सुमन के साथ मारपीट करता था। जब वह गर्भवती हुई तो उसने जबरदस्ती गोलियां खिलाकर उसका गर्भ गिरा दिया। दूसरी बार गर्भवती होने पर भी सरपंच ने उसे शारीरिक चोट पहुंचाई और गर्भपात करा दिया। यह मामला दिखाता है कि कानून के आगे कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, बच नहीं सकता। पत्नी ने हिम्मत और धैर्य से लड़ाई लड़ी और न्याय पाया। सरपंच को अपने गलत कामों की कीमत न केवल कानूनी रूप से, बल्कि सामाजिक रूप से भी चुकानी पड़ी।