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Haryana news: हिसार में विकास की नई रफ्तार लाएगा रिंग रोड, तलवंडी राणा बनेगा बड़ा केंद्र

Haryana news: हिसार में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर है। आइए जानें पूरी खबर को विस्तार से...
 
हिसार में विकास की नई रफ्तार लाएगा रिंग रोड, तलवंडी राणा बनेगा बड़ा केंद्र
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Top Haryana: हिसार और आसपास के गांवों के लिए बड़ी खुशखबरी है। हिसार रिंग रोड प्रोजेक्ट अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने करीब 3000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 40 किलोमीटर लंबे इस रिंग रोड का अनुमान (एस्टीमेट) तैयार करके मुख्यालय को भेज दिया है।

यह रिंग रोड गांव देवा से शुरू होकर तलवंडी राणा तक पहुंचेगा। बीच में यह कैमरी, भगाना, लाडवा, मैय्यड़, खरड़, नियाणा, मिर्जापुर और धांसू जैसे गांवों से होकर गुजरेगा और NH-52 से जुड़ेगा।

अब बदलेगा तलवंडी राणा का चेहरा
अब तक हिसार से दिल्ली, सिरसा और राजगढ़ की ओर काफी विकास हो चुका है, लेकिन तलवंडी राणा क्षेत्र सरकारी जमीन की वजह से विकास से पीछे रह गया था। लेकिन इस रिंग रोड के बनने से यहां भी तेजी से बदलाव आएगा।

दो नेशनल हाईवे से सीधा कनेक्शन
यह रिंग रोड NH-9 और NH-52 को आपस में जोड़ेगा। साथ ही इस क्षेत्र से कई बड़े प्रोजेक्ट भी जुड़ेंगे। जैसे जंगल सफारी प्रोजेक्ट (1080 एकड़ जमीन में), नई सड़कें जैसे मिर्जापुर चौक से धांसू होते हुए धरना स्थल तक और प्रस्तावित हिसार बस स्टैंड और औद्योगिक क्षेत्र।इन सबके कारण तलवंडी राणा क्षेत्र में व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

जमीन अधिग्रहण और लागत
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 3 हजार करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें से 1 हजार करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे, 500 करोड़ हरियाणा सरकार वहन करेगी और सड़क निर्माण पर 2 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। लगभग 270 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

आने वाले सालों में ज़मीन के दाम होंगे कई गुना
फिलहाल तलवंडी राणा और आस-पास की जमीनें सस्ती हैं। जैसे ही रिंग रोड, एयरपोर्ट और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट शुरू होंगे यहां की जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी। गुरुग्राम और NCR की बड़ी कंपनियां पहले से ही यहां हाउसिंग और कमर्शियल प्रोजेक्ट लाने की तैयारी में हैं।

शिक्षा और रोजगार का नया केंद्र
अच्छी कनेक्टिविटी और तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण तलवंडी राणा से लेकर बहबलपुर तक बड़े स्कूल, कॉलेज और ट्रेनिंग सेंटर्स खुल सकते हैं। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के हज़ारों मौके मिलेंगे और यह क्षेत्र शिक्षा व रोजगार का हब बन सकता है।