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Haryana news: हरियाणा में शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव जल्द होगी शुरू, 2 साल बाद मिल सकती है राहत

Haryana news: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। आइए जानें पूरी खबर विस्तार से... 
 
हरियाणा में शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव जल्द होगी शुरू
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Top Haryana: पिछले दो सालों से ऑनलाइन ट्रांसफर का इंतजार कर रहे शिक्षकों को जल्द राहत मिल सकती है। दरअसल, शिक्षा विभाग की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी (OTP) में कुछ तकनीकी बदलावों के कारण यह प्रक्रिया लंबे समय से रुकी हुई थी।

अब इस पॉलिसी को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है और मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलते ही ट्रांसफर ड्राइव शुरू कर दी जाएगी। इस बार कपल केस में मिलने वाले अंकों में भी बदलाव हो सकता है।

2023 में हुई थी ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव

सूत्रों के अनुसार, पहले जो मॉडल ट्रांसफर पॉलिसी थी, उसमें कुछ शिक्षकों को विशेष छूट मिलती थी। लेकिन साल 2023 में इस नीति में संशोधन किया गया था। कई शिक्षकों ने इस संशोधन के विरोध में कोर्ट का भी रुख किया था।

सरकार ने अब नई पॉलिसी में कपल केस को ध्यान में रखते हुए सुझाव दिया है कि इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए, ताकि पति-पत्नी दोनों शिक्षक एक ही स्थान पर तैनात रह सकें।

2 साल से बंद है ट्रांसफर प्रक्रिया

राज्य में पिछले दो सालों से शिक्षक ट्रांसफर अभियान नहीं चलाया गया है। इस बार शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने अधिकारियों के साथ हुई बैठक में साफ निर्देश दिए हैं कि इस बार ट्रांसफर अभियान जरूर चलाया जाए। यह निर्णय न सिर्फ शिक्षकों के लिए लाभदायक होगा, बल्कि छात्रों की पढ़ाई पर भी सकारात्मक असर डालेगा।

शिक्षा विभाग ने 22 जिलों में शिक्षकों की संख्या के हिसाब से युक्तिकरण (Rationalization) के लिए पांच कमेटियों का गठन किया था। इन कमेटियों की रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गई है, जिससे ट्रांसफर प्रक्रिया की राह साफ हो गई है।

शिक्षक लगातार कर रहे ट्रांसफर की मांग

हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के राज्य अध्यक्ष सतपाल सिन्धु ने बताया कि राज्यभर के शिक्षक लंबे समय से ट्रांसफर ड्राइव शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

सभी शिक्षक बेसब्री से सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से किसी ठोस कदम का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया जल्द शुरू होनी चाहिए और इस तरह से लागू की जानी चाहिए कि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े।