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Haryana News: हरियाणा में 1 अक्टूबर से शुरू होगी बाजरे की सरकारी खरीद, जानें MSP और तैयारियां

Haryana News: हरियाणा सरकार ने खरीफ सीजन की फसलों की खरीद के लिए बड़ा फैसला लिया है।
 
बाजरे की सरकारी खरीद
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Top Haryana News: राज्य में 1 अक्टूबर से बाजरे और मूंगफली की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर शुरू होगी। नायब सैनी सरकार ने इसके लिए सभी जिलों में प्रशासनिक तैयारियां शुरू कर दी हैं। फतेहाबाद उपायुक्त ने लघु सचिवालय में अधिकारियों की बैठक कर साफ निर्देश दिए हैं कि खरीद के दौरान किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।

खरीद प्रक्रिया की जिम्मेदारी

इस बार खरीफ फसलों की खरीद की जिम्मेदारी जिला स्तर पर तय कर दी गई है। एडीसी (अतिरिक्त उपायुक्त) को खरीद का ओवरऑल इंचार्ज बनाया गया है जबकि एसडीएम (उप मंडलाधिकारी) अपने-अपने क्षेत्रों में नोडल अधिकारी होंगे। इसका मकसद यह है कि मंडियों में आने वाले किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके।

बाजरे का नया MSP

सरकार ने इस बार किसानों को राहत देते हुए बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। अब बाजरे का MSP 2 हजार 775 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

पिछले साल यह दर 2 हजार 625 रुपये प्रति क्विंटल थी। प्रशासन ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि खरीद के दौरान किसानों को समय पर भुगतान मिले और उन्हें मंडियों में कोई दिक्कत न झेलनी पड़े।

मंडियों की सूची और व्यवस्था

फतेहाबाद जिले में बाजरे की खरीद के लिए फतेहाबाद, पीली मंदोरी और भट्टू मंडी को केंद्र बनाया गया है। वहीं, महेंद्रगढ़ जिले में नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, महेंद्रगढ़, सतनाली और कनीना मंडियों को खरीद केंद्र बनाया गया है।

जिला प्रशासन ने साफ किया है कि सभी मंडियों में नमी मापने वाले मीटर, बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही मंडियों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी रहेगी।

जरूरी पंजीकरण

किसान अपनी फसल MSP पर तभी बेच पाएंगे, जब उन्होंने "मेरी फसल- मेरा ब्योरा" पोर्टल पर पंजीकरण कराया हो। केवल रजिस्टर्ड किसानों की फसल ही सरकारी रेट पर खरीदी जाएगी। इसलिए किसानों से अपील की गई है कि वे जल्द से जल्द अपना पंजीकरण सुनिश्चित करें।

किसानों को मिलेगा फायदा

बाजरे की खरीद शुरू होने से किसानों को बाजार में उचित दाम मिलने की गारंटी होगी। साथ ही मंडियों में सुविधाएं मिलने से किसानों को इंतजार और परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं MSP बढ़ने से किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा।