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Haryana News: किसानों ने किया इस हाइवे को टोल फ्री, जानें इसके पीछे की वजह 

Haryana News: प्रदेश में किसानों ने एक हाईवे के टोल प्लाजा को बिल्कुल फ्री कर दिया है, आइए जानें इसके पीछे का असली कारण क्या है...
 
किसानों ने किया इस हाइवे को टोल फ्री, जानें इसके पीछे की वजह

TOP HARYANA: हरियाणा के जींद जिले में किसानों ने दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर स्थित खटकड़ टोल प्लाजा को फ्री करवा दिया है। किसानों ने इस टोल प्लाजा को दोपहर 4 बजे तक टोल फ्री घोषित कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गए।

क्यों किया टोल फ्री

किसानों का आरोप है कि टोल प्लाजा के कर्मचारी किसान संगठनों के नेताओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। किसान नेता सिक्किम सफाखेड़ी ने बताया कि कुछ दिन पहले जब किसान संगठन के नेता झंडा सिंह दिल्ली में मीटिंग के लिए जा रहे थे, तब टोल कर्मियों ने उनके साथ बदतमीजी की थी। इसी के विरोध में किसानों ने आज टोल प्लाजा फ्री करवा दिया।

किसानों की मांगें

किसानों का कहना है कि टोल प्लाजा के प्रबंधक उचित सुविधाएं नहीं दे रहे। हाईवे कई जगह से टूटा हुआ है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। इसके बावजूद छोटी गाड़ियों से 120 रुपए और भारी वाहनों से 600 रुपए से ज्यादा टोल वसूला जा रहा है। किसानों ने कहा कि जब तक हाईवे की हालत सुधारी नहीं जाती और सभी जरूरी सुविधाएं नहीं दी जातीं, तब तक वे विरोध जारी रखेंगे।

टोल प्लाजा के खिलाफ किसानों का गुस्सा

अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य अध्यक्ष मास्टर बलबीर सिंह, बलजीत मांडी और सतबीर खरल ने बताया कि किसान संगठन टोल प्लाजा के कुप्रबंधन और तानाशाही रवैये का विरोध कर रहे हैं। टोल पर जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वे यहां बिल्कुल नहीं हैं।

किसानों का कहना है कि सरकार और टोल प्रबंधकों ने सुविधाएं देने का जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया गया। जब तक सभी सुविधाएं पूरी नहीं होतीं, संघर्ष जारी रहेगा।

आगे की योजना

किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 8 और 9 फरवरी को प्रदेशभर के सभी सांसदों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

टोल प्लाजा से कितनी कमाई होती है

जानकारी के मुताबिक, इस टोल प्लाजा से रोजाना 7 हजार  से 8 हजार वाहन गुजरते हैं और हर दिन करीब 8.5 से 9 लाख रुपए की टोल कलेक्शन होती है। किसानों का कहना है कि इतनी कमाई होने के बावजूद सुविधाएं न मिलना अन्याय है।

किसानों का यह आंदोलन टोल प्रबंधन की अनियमितताओं और किसानों के साथ गलत व्यवहार के खिलाफ किया जा रहा है। जब तक टोल पर सभी सुविधाएं नहीं मिलतीं, किसान अपना विरोध जारी रखेंगे।