Haryana news: हरियाणा में भजनलाल के गांव का नाम बदलेगा, जानें इसके पीछे की वजह

Top Haryana news: मुख्यमंत्री नायब सैनी के कार्यकाल में अब तक आधा दर्जन से अधिक गांवों के नाम बदले जा चुके हैं। इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में लगभग डेढ़ दर्जन गांवों के नाम बदलने का फैसला लिया गया था। इन बदलावों का उद्देश्य गांवों के नामों को लेकर लोगों की भावनाओं का सम्मान करना और उन्हें आधुनिक संदर्भ में लाना है।
भजनलाल के पैतृक गांव का नाम बदलेगा
अब हरियाणा की राजनीति के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पैतृक गांव मोहम्मदपुर रोही का नाम बदलकर 'भजनगढ़' रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बदलाव के लिए गांव में रायशुमारी (सर्वे) चल रही है।
गांव के लोग अब इस नाम के समर्थन में हैं और यह प्रस्ताव पंचायत के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा जाएगा। भजनलाल की लोकप्रियता और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है ताकि उनके नाम से गांव की पहचान जुड़ी रहे।
धार्मिक आस्था से जुड़ा एक और प्रस्ताव
हालांकि, कुछ गांववाले धार्मिक दृष्टिकोण से गांव का नाम बदलकर 'अमरापुरी' रखने की इच्छा भी रखते हैं जो संत शाह मस्ताना से जुड़ा हुआ नाम है।
संत शाह मस्ताना का गांव में गहरा प्रभाव था और उनके अनुयायी इस नाम को पसंद करते हैं। अधिकांश गांववाले भजनलाल के नाम पर ही सहमत हैं क्योंकि वे उन्हें अपनी राजनीति में महत्वपूर्ण व्यक्तित्व मानते हैं।
गांवों के नाम बदलने की प्रक्रिया
गांवों के नाम बदलने की प्रक्रिया एक नियमबद्ध प्रक्रिया है। सबसे पहले ग्राम सभा की बैठक में ग्रामीणों द्वारा नाम बदलने का प्रस्ताव रखा जाता है। यदि बहुमत से प्रस्ताव पारित हो जाता है तो ग्राम सभा यह प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेज देती है।
जिला प्रशासन उस प्रस्ताव की पूरी जांच करता है और फिर रिपोर्ट तैयार कर राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग को भेजी जाती है। अंतिम निर्णय राज्य सरकार की मंजूरी के बाद लिया जाता है।
जिले भर में नाम बदलने की कवायद
यह नाम बदलने की पहल सिर्फ मोहम्मदपुर रोही तक सीमित नहीं है बल्कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में ऐसे गांवों के नाम बदलने की प्रक्रिया चल रही है जिनके नाम विवादास्पद या गुलामी के दौर से जुड़े हुए हैं। यह कदम समाज में बेहतर समझ और सम्मान की भावना को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।