top haryana

Haryana news: आयुष्मान कार्ड धारकों पर गिरी गाज, प्राइवेट अस्पतालों में नहीं होगा इलाज

Haryana news: आयुष्मान कार्ड धारकों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 
आयुष्मान कार्ड धारकों पर गिररी गाज, प्राइवेट अस्पतालों में नहीं होगा इलाज
WhatsApp Group Join Now

Top Haryana: हरियाणा के नारनौल से आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने आयुष्मान कार्ड धारकों को झटका देते हुए कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब आयुष्मान योजना के तहत पांच बीमारियों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में नहीं किया जाएगा।

मिली जानकारी के अनुसार, अब मोतियाबिंद, बच्चेदानी (गर्भाशय) की सर्जरी, दूरबीन से पित्त की थैली (गॉलब्लैडर) का ऑपरेशन, उल्टी-दस्त और दमा (सांस की बीमारी) का इलाज केवल सरकारी जिला नागरिक अस्पताल में ही होगा। प्राइवेट अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज पर रोक लगा दी गई है।

यह भी पढ़ें- PM Kisan Yojana: 20वीं किस्त को लेकर बड़ी खुशखबरी, इस तारीख तक आ सकती है किसानों के खाते में पैसा

डॉक्टरों के अनुसार इन सभी बीमारियों का इलाज पहले से ही सरकारी अस्पतालों में किया जा रहा है। अब आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को इन बीमारियों के लिए अनिवार्य रूप से सरकारी अस्पताल में ही जाना होगा। अधिकारियों का कहना है कि पहले इन बीमारियों के मरीज कम संख्या में सरकारी अस्पताल में आते थे। अब मरीजों की संख्या 4 से 5 गुना बढ़ने की संभावना है।

नागरिक अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और सुविधाएं

जिला नागरिक अस्पताल में इन बीमारियों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं। नेत्र रोगों (जैसे मोतियाबिंद) के इलाज के लिए डॉ. आकांक्षा और डॉ. नीरू कार्यरत हैं। महिला रोगों और बच्चेदानी से संबंधित सर्जरी के लिए डॉ. मीनाक्षी हैं। पित्त की थैली के ऑपरेशन के लिए डॉ. कंवर सिंह और डॉ. अजय ग्रोवर मौजूद हैं।

सरकारी अस्पतालों में इलाज की सलाह

इस बारे में जानकारी देते हुए आयुष्मान योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ. मनीष यादव ने बताया कि उन्हें इस संबंध में उच्च अधिकारियों से आदेश मिला है। इसमें साफ कहा गया है कि अब इन पांच बीमारियों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत केवल सरकारी अस्पतालों में ही करवाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, इसलिए मरीजों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से सरकारी अस्पतालों पर भरोसा बढ़ेगा और वहीं जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर उपयोग हो पाएगा।

यह भी पढ़ें- Sona Kitne Ka Hai Aaj: सोना हुआ ₹1100 सस्ता, चांदी स्थिर! अभी जानें नए रेट