Haryana news: 77 वर्षीय 'रॉकिंग दादी' ने सोशल मीडिया पर किया धमाल, पोते के साथ क्या किया ऐसा कि सब रह गए हैरान

Top Haryana: हरियाणा जिसे दूध-दही का प्रदेश कहा जाता है, के लोग अपनी शारीरिक ताकत के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां के बुजुर्ग भी अक्सर युवाओं को अपनी ताकत और ऊर्जा से चौंका देते हैं। एक ऐसी ही बुजुर्ग महिला हैं साबो देवी जिन्हें लोग ‘रॉकिंग दादी’ के नाम से जानते हैं।
साबो देवी की फिटनेस का राज
साबो देवी जो सोनीपत जिले के हुल्लेड़ी गांव की रहने वाली हैं 77 साल की उम्र में भी अपनी फिटनेस से सबको हैरान कर देती हैं। सोशल मीडिया पर उनके कारनामे देखकर लोग उन्हें ‘रॉकिंग दादी’ कहने लगे हैं।
उनका कहना है कि उन्होंने जीवन में कभी अपनी फिटनेस को लेकर कोई समझौता नहीं किया। उनका टैलेंट तैराकी में भी बेहतरीन है। वह 15 फीट गहरी नहर में पुल से छलांग लगाने का रिकॉर्ड बना चुकी हैं। उन्होंने हरिद्वार की हर की पौड़ी से गंगा पार की है।
पोते के साथ किया ‘बर्फ चैलेंज’
साबो देवी को अपनी फिटनेस का पूरा श्रेय अपनी नियमित दिनचर्या को देती हैं। पिछले सर्दियों में जब उनके पोते ने ‘बर्फ चैलेंज’ किया तो दादी ने न सिर्फ चुनौती को स्वीकार किया बल्कि पोते को हराकर उसे मात दे दी। उनकी इस जोश और उत्साह ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं।
साबो देवी का पारिवारिक जीवन
साबो देवी का जन्म सोनीपत जिले के सिटावली गांव में हुआ था। महज 17 साल की उम्र में उनकी शादी हुल्लेड़ी गांव के कृष्ण से हुई। 2016 में उनके पति का निधन हो गया।
उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। सबसे खास बात यह है कि उनके पोते चिराग उर्फ खागड़ के साथ वह सोशल मीडिया पर हमेशा कोई न कोई नया वर्कआउट वीडियो या फिटनेस चैलेंज साझा करती रहती हैं।
तैराकी का शौक बचपन से
साबो देवी ने तैराकी बचपन में ही सीखी थी। उनका गांव एक नहर के पास था और वह अक्सर पशुओं को नहलाने के दौरान तैराकी करती थीं।
उन्हें इस कला का कभी एहसास नहीं हुआ कि यह एक दिन उन्हें इतनी पहचान दिलाएगा। उनका यह हुनर न सिर्फ उन्हें मशहूर कर गया बल्कि एक बार उन्होंने नहर में डूब रहे एक युवक की भी जान बचाई थी।
दादी की दिनचर्या
साबो देवी अपनी दिनचर्या के बारे में बताती हैं कि वह सुबह 4 बजे उठती हैं और सबसे पहले पानी पीकर पोते के साथ वर्कआउट करने जाती हैं। नहर के किनारे और खेतों में दो घंटे योग करती हैं फिर 2 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं।
इसके बाद वह घर लौटती हैं और पोता चिराग अखाड़े में जाता है। साबो देवी का कहना है कि उन्होंने आज तक कभी चाय नहीं पी है और अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके अपनाए हैं।