top haryana

Haryana Update: किसानों की हुई बल्ले-बल्ले, इस राज्य में बनेगी बायो कंट्रोल लैब, जानें

किसानों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है, कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना को मूर्त रूप देने का निर्णय लिया है, आइए जानते है विस्तार से...
 
Haryana New Update: किसानों की हुई बल्ले बल्ले, इस राज्य में बनेगी बायो कंट्रोल लैब, जानें
WhatsApp Group Join Now

Top Haryana: रेवाड़ी जिले के बावल क्षेत्र में एक अत्याधुनिक बायो कंट्रोल लैब  स्थापित की जा रही है, जो किसानों को सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के लिए वैज्ञानिक समाधान उपलब्ध कराएगी। आपको बता दें कि इस लैब की स्थापना का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती में आने वाली समस्याओं का समाधान निकालना और किसानों को पर्यावरण-अनुकूल खेती के प्रति प्रोत्साहित करना है।

किसानों को होगा बड़ा फायदा

राज्य सरकार के अनुसार यह Lab जैविक खेती में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न जैविक उत्पादों का निर्माण करेगी। फसल सुरक्षा के लिए प्राकृतिक उपाय विकसित किए जाएंगे, जिससे Chemical फर्टिलाइजर्स और पेस्टिसाइड्स पर किसानों की निर्भरता घटेगी। जैविक उत्पादों के प्रयोग से न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी, बल्कि फसलों की उत्पादकता भी बेहतर होगी।

बायो कंट्रोल लैब का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि किसानों को लो-कॉस्ट ऑर्गेनिक सॉल्यूशंस उपलब्ध कराए जाएं, ताकि पारंपरिक खेती की तुलना में ऑर्गेनिक फार्मिंग अधिक फायदेमंद साबित हो।

किसानों को मिलेंगे जैविक रोग नियंत्रण के समाधान

इस लैब में जैविक खेती में उपयोग किए जाने वाले माइक्रोबियल सॉल्यूशंस (Microbial Solutions) तैयार किए जाएंगे, जो फसल सुरक्षा और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में सहायक होंगे। उदाहरण के तौर पर, ट्राइकोडरमा (Trichoderma), मेटारीजियम (Metarhizium) और बवेरिया बेसियाना जैसे जैविक तत्वों का उत्पादन किया जाएगा।

जिनका उपयोग फसलों में लगने वाले रोगों जैसे फंगस, दीमक और अन्य पैथोजेनिक अटैक्स के नियंत्रण के लिए किया जाएगा। किसानों को ये उत्पाद सस्ते दामों पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उन्हें केमिकल-फ्री फार्मिंग अपनाने में मदद मिलेगी।

हाईटेक उपकरणों से लैस होगी लैब

इस परियोजना को प्रदेश में अत्याधुनिक तकनीकों के साथ लागू किया जाएगा। बायो कंट्रोल लैब में उन्नत अनुसंधान के लिए मॉडर्न रिसर्च यंत्र लगाए जाएंगे। जिससे वैज्ञानिकों को बायोलॉजिकल रिर्सच और स्टडीज  करने में मदद मिलेगी। 

इस लैब के माध्यम से विभिन्न प्रकार की फसलों पर जैविक समाधान कैसे प्रभावी हो सकते हैं। इस बिंदु पर विस्तृत परीक्षण भी करेगी। प्रशिक्षण के बाद लैब में फील्ड ट्रायल्स किए जाएंगे। जिससे किसानों को यह जानकारी मिलेगी कि कौन सा जैविक उत्पाद किस फसल के लिए उत्तम रहेंगा।

सरकार का बड़ा योगदान

इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार  द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार ने 1.55 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है, जबकि कुल प्रोजेक्ट की लागत 1.75 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस राशि का उपयोग हाईटेक रिसर्च इक्विपमेंट खरीदने, लैब की इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और किसानों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम्स आयोजित करने में किया जाएगा।

कम बारिश वाले क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगी लैब

विशेषज्ञों का मानना है कि यह लैब खासतौर पर उन इलाकों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी, जहां मानसून का अस्थिर प्रभाव देखने को मिलता है। रेवाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में बारिश की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार नहीं मिल पाती।

बायो कंट्रोल लैब में विकसित होने वाली नई जैविक तकनीकों की मदद से किसान सूखा-रोधी कृषि पद्धतियों को आसानी से अपना सकेंगे और कम पानी में भी बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे।

फील्ड लेवल ट्रेनिंग और जागरूकता अभियान

इस पहल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों को On-Field Training दी जाएगी, जिससे वे जैविक खेती के प्रति ज्यादा जागरूक हो सकें। सरकार द्वारा Awareness Campaigns भी चलाए जाएंगे, जिनमें किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग सर्टिफिकेशन के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि वे अपने उत्पादों को नेशनल और इंटरनेशनल मार्केट्स में बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकें। इसके अलावा, सरकार किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी और इंसेंटिव स्कीम्स भी लाने की योजना बना रही है।