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Haryana news: हरियाणा सरकार सवा तीन लाख बीपीएल राशन कार्डों को करेगी रद्द, जानें इसके पीछे की वजह

Haryana news: हरियाणा सरकार सवा तीन लाख बीपीएल राशन कार्डों को रद्द करने जा रही है। आइए जानें इसके पीछे का कारण क्या है?
 
Haryana news: हरियाणा सरकार सवा तीन लाख बीपीएल राशन कार्डों को करेगी रद्द, जानें इसके पीछे की वजह
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Top Haryana: हरियाणा सरकार ने करीब सवा तीन लाख ऐसे बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) राशन कार्ड रद करने की योजना बनाई है, जिनका उपयोग लंबे समय से नहीं किया गया है। सरकार के अनुसार, इन राशन कार्डों का या तो गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है, या ये राशन कार्ड ऐसे परिवारों द्वारा बनवाए गए थे जो गरीबी रेखा से नीचे नहीं आते।

क्या है राशन कार्ड रद्द करने का कारण?

सरकार का कहना है कि बीपीएल राशन कार्ड का उद्देश्य उन परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ देना है जो वास्तव में गरीब हैं। लेकिन अब यह देखा गया है कि सवा तीन लाख बीपीएल कार्ड धारक लंबे समय से न तो राशन ले रहे हैं और न ही किसी सरकारी योजना का फायदा उठा रहे हैं। ऐसे राशन कार्डों की जांच की जा रही है और एक मई को होने वाले आकलन के बाद इन कार्डों को रद्द किया जा सकता है।

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने हाल ही में यह भी घोषणा की कि 57 हजार 700 ऐसे लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी, जिनकी पेंशन पिछले तीन से चार महीने से रुकी हुई थी।

राशन कार्डों की समीक्षा कब होगी?

हर महीने सरकार राशन कार्डों की संख्या का आकलन करती है। इस बार एक मई को इस आकलन की तारीख तय की गई है। उस दिन यह देखा जाएगा कि राज्य में बीपीएल कार्डों की संख्या में वृद्धि हुई है या कमी। खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर ने बताया कि सरकार ने पाया है कि पिछले कुछ महीनों में करीब सवा तीन लाख राशन कार्ड धारकों ने कोई लाभ नहीं लिया है। ऐसे राशन कार्डों की जांच का काम इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

बीपीएल राशन कार्डों की संख्या पर विपक्ष के सवाल

विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं कि अगर राज्य में इतनी बड़ी संख्या में गरीब परिवार हैं, तो उनकी संख्या में कोई बदलाव क्यों नहीं आया? विपक्ष ने दावा किया कि सरकार जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ नहीं देना चाहती और इसीलिए बीपीएल कार्डों की संख्या घटाने का दबाव बना रही है।

सरकार ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि राज्य में 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों को भी गरीबी रेखा से नीचे माना गया है ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह सिर्फ उन राशन कार्डों को रद्द करेगी जो फर्जी हैं या जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

सरकार की योजना से लाभार्थियों को होगा फायदा

सरकार का कहना है कि बीपीएल कार्डों की संख्या में कमी से असली गरीबों को योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। फर्जी कार्ड धारकों को हटाने से सरकारी योजनाओं के लाभार्थी परिवारों तक सही तरीके से पहुंच सकेंगे। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया से वास्तविक गरीबों को कोई नुकसान नहीं होगा।

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