Haryana news: हरियाणा सरकार की नई योजना, हर महीने मिलेगी 4 हजार रुपये की आर्थिक मदद

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने बच्चों के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम है स्पॉन्सरशिप योजना। इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों की मदद करना है जो मुश्किल हालात में जीवन बिता रहे हैं और जिन्हें आर्थिक सहारा चाहिए। यह योजना हर महीने 4 हजार रुपये की मदद प्रदान करती है ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई, स्वास्थ्य और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर सकें।
किसे मिलेगा योजना का फायदा?
स्पॉन्सरशिप योजना खासतौर पर उन बच्चों के लिए बनाई गई है जो एकल अभिभावक के साथ रहते हैं, यानी जिनके पिता नहीं हैं और वे सिर्फ अपनी मां के साथ हैं।
उन बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा जिनके माता-पिता किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और परिवार उन्हें सही देखभाल नहीं दे पा रहा। साथ ही बाल कल्याण समिति द्वारा "देखरेख एवं संरक्षण" के तहत रखे गए बच्चे भी इस योजना के अंतर्गत आते हैं।
यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही है और इसके तहत आर्थिक मदद जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से सीधे बच्चों के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
योजना के लिए जरूरी शर्तें
ग्रामीण इलाकों में परिवार की सालाना आय 72 हजार रुपये से कम होनी चाहिए।
शहरी इलाकों में परिवार की सालाना आय 96 हजार रुपये से कम होनी चाहिए।
एक परिवार में अधिकतम दो बच्चे ही इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।
योजना का लाभ केवल 18 साल से कम उम्र के बच्चों को मिलेगा।
आवेदन करने वाला बच्चा जिस जिले का स्थायी निवासी है, उसे वहीं से आवेदन करना होगा।
योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
इस योजना का लाभ लेने के लिए योग्य बच्चे या उनके अभिभावक अपने जिले की जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद विभाग द्वारा बच्चे की स्थिति की जांच की जाएगी। अगर बच्चा योजना की सभी शर्तें पूरी करता है, तो उसे हर महीने 4 हजार रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उसके बैंक खाते में भेजी जाएगी।
इस आर्थिक मदद का मकसद बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना है ताकि वे बेहतर जीवन जी सकें और आगे बढ़ सकें।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि सरकार गरीब और जरूरतमंद बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह योजना भी उसी दिशा में एक कदम है। इससे उन बच्चों को सहायता मिलेगी जो जीवन के कठिन दौर से गुजर रहे हैं और वे अपनी पढ़ाई और स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकेंगे।