Haryana news: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, इन परिवारों के बीपीएल कार्ड किए कैन्सल

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने गरीबी रेखा (BPL) से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने राज्य में करीब 2.75 लाख BPL राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। यह फैसला एक महीने तक चले सत्यापन अभियान के बाद लिया गया, जिसमें पाया गया कि कई लोग या तो लंबे समय से राशन लेने नहीं आ रहे थे या वे अपात्र होते हुए भी BPL कार्डधारी बने हुए थे।
कितने BPL कार्ड हटे?
अप्रैल 2025 तक हरियाणा में करीब 51.98 लाख लोग BPL सूची में थे। अब यह संख्या घटकर 49.22 लाख रह गई है। यानी करीब 5 प्रतिशत BPL कार्ड, यानी 2.75 लाख, रद्द कर दिए गए हैं।
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क्यों हटाए गए कार्ड?
सत्यापन के दौरान सामने आया कि कई कार्डधारक लंबे समय से राशन लेने ही नहीं आ रहे थे। कुछ ऐसे भी लोग थे जिनकी आय सीमा BPL की श्रेणी से ज्यादा थी, फिर भी वे इसका लाभ ले रहे थे। जांच में ये सारे मामले पकड़ में आए और सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ऐसे कार्ड रद्द कर दिए।
किन जिलों में कितने कार्ड रद्द हुए?
खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी अमित शेखावत ने बताया कि कुछ जिलों में बड़ी संख्या में BPL कार्ड हटाए गए हैं।
जिला | हटाए गए BPL कार्डों की संख्या |
---|---|
फरीदाबाद | 18,200 |
हिसार | 16,776 |
करनाल | 15,026 |
सिरसा | 15,369 |
इन जिलों के अलावा बाकी जिलों में भी सत्यापन के आधार पर कार्ड हटाए गए हैं।
कैसे होता है BPL कार्ड का चयन?
हरियाणा में जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होती है, उन्हें BPL श्रेणी में रखा जाता है। इन्हें सरकार की कई योजनाओं का लाभ मिलता है जैसे सस्ता राश, गैस सिलेंडर पर सब्सिडी, 1 हजार किलोमीटर तक रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा (Happy Card के ज़रिए) और स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ।
सवाल उठे BPL आंकड़ों पर
प्रदेश सरकार के मुताबिक हरियाणा में करीब 70 प्रतिशत आबादी BPL सूची में थी। इस पर सवाल उठे कि जब राज्य की प्रति व्यक्ति आय करीब 2.96 लाख रुपये है, तो इतनी बड़ी आबादी BPL सूची में कैसे हो सकती है? इसी कारण सरकार ने BPL कार्डों की समीक्षा करने का निर्णय लिया।
आगे क्या होगा?
राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया नागरिक संसाधन सूचना विभाग के अधीन होती है, जबकि खाद्य आपूर्ति विभाग केवल राशन वितरण का काम करता है। सरकार अब यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सिर्फ पात्र लोग ही सरकारी योजनाओं का लाभ लें, ताकि जरूरतमंदों को सही सहायता मिल सके।
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