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Delhi News: दिल्ली में अब एप से होगी बंद स्ट्रीट लाइटों की शिकायत, समय सीमा में होगी मरम्मत

Delhi News: दिल्ली में बढ़ती अंधेरे की समस्या को सुलझाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक नई पहल शुरू करने की योजना बनाई है...
 
स्ट्रीट लाइटों
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Top Haryana, Delhi News: राजधानी की सड़कों पर अक्सर बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती हैं और इनकी मरम्मत में पीडब्ल्यूडी अधिकारी अक्सर लापरवाही दिखाते रहे हैं।

अब दिल्ली सरकार ने इस समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए एक एप लॉन्च करने का निर्णय लिया है जिसके जरिए लोग अपनी गली या मोहल्ले की बंद लाइटों की शिकायत कर सकेंगे।

एप से होगा शिकायत का समाधान

दिल्ली सरकार का नया एप न सिर्फ लाइटों की खराबी की शिकायत दर्ज करने में मदद करेगा बल्कि इससे लाइटों की स्थिति पर निगरानी भी रखी जा सकेगी। इस एप के माध्यम से लोग अपनी शिकायतें सीधे सरकार तक पहुंचा सकेंगे और अधिकारियों को इनकी स्थिति पर नजर रखने में भी आसानी होगी।

सरकार का दावा है कि इस व्यवस्था से राजधानी की सड़कों पर सुरक्षा बढ़ेगी क्योंकि स्ट्रीट लाइटें समय पर ठीक होंगी और अंधेरे से होने वाले हादसों में कमी आएगी।

स्मार्ट एलईडी लाइटों से होगी बिजली बचत

दिल्ली सरकार की योजना के तहत, पुराने सोडियम लाइटों को हटाकर स्मार्ट एलईडी लाइटों से बदला जाएगा। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अनुसार इस नई तकनीक से हर साल करीब 31.53 करोड़ रुपये की बिजली की बचत होगी जो जनता के फायदे में खर्च की जाएगी।

यह कदम न सिर्फ ऊर्जा बचत के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी साबित होगा।

96 हजार स्ट्रीट लाइटें अब सक्रिय

दिल्ली की सड़कों पर कुल 96 हजार स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। इनमें से लगभग 45 हजार लाइटें अभी भी पुराने सोडियम लाइट पर चल रही हैं जिन्हें एलईडी से बदला जाएगा।

नई स्मार्ट एलईडी लाइटों में तकनीकी निगरानी प्रणाली, मोबाइल ऐप और कंट्रोल रूम से जुड़ी होगी। इससे अधिकारी रियल टाइम में लाइटों की खराबी का पता लगा सकेंगे और तुरंत मरम्मत करवा सकेंगे।

समयसीमा में होगी शिकायतों का समाधान

इस एप के जरिए नागरिक अपनी लाइट खराब होने की शिकायत तुरंत दर्ज कर सकेंगे। हर शिकायत को निर्धारित समयसीमा में निपटाने का आदेश होगा ताकि समस्याओं का समाधान जल्दी हो सके।

लाइटों के रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी जाएगी और उन्हें तभी भुगतान किया जाएगा जब सभी लाइटें ठीक से चल रही होंगी। इस पहल से न केवल शहर में अंधेरा कम होगा बल्कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए भी एक सुरक्षित और बेहतर माहौल मिलेगा।