Chandigarh News: फ्लोर के हिसाब से बिक्री पर पाबंदी अभी तक बरकरार, हाई कोर्ट ने दिया आदेश
Chandigarh News: हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ के लोगों एक बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है, शहर में घर को अपार्टमेंट में बदलकर बेचने पर पाबंदी को अभी भी बरकरार रखा गया है।
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Top Haryana: देश में ज्यादातर लोग अपने घर को अपार्टमेंट के रूप में बदलकर अलग-अलग लोगों को बेच देते है, इस प्रकार का एक मामले पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें चंडीगढ़ वासियों को बड़ा झटका लगा है।
कोर्ट ने अपनी प्रॉपर्टी का हिस्सा परिवार के अलावा किसी दूसरे शख्स को बेचने पर पाबंदी लगा दी है, जिसके मुताबिक एक घर का टुकड़ों में बंटवारा कर उसको अपार्टमेंट में बदलकर बेचा नहीं जा सकता है, इस मामले पर जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस विकास सूरी की पीठ ने सुनवाई की है।
याचिकाओं को किया खारिज
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक बड़ा और अहम फैसला सुनाया है, जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन की 2023 अधिसूचना को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को पूरी तरह से खारिज किया गया है, जिसके अंदर शहर भर में आवासीय मकानों को अपार्टमेंट में बदलने पर बैन लगा दिया गया था।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूर्ति विकास सूरी की पीठ ने फैसले में कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन इस फैसले पर फिर से विचार कर सकता है लेकिन उसके लिए पहले फेज 1, चंडीगढ़ सेक्टर 1 से 30 के अलावा दूसरे क्षेत्रों पर हेरिटेज कमेटी के परामर्श लेना होगा।
फैसले में कहा गया
हाई कोर्ट ने कहा 1952 अधिनियम के तहत आवासीय इकाइयों को टुकड़ों में बंटवारा करके या अपार्टमेंट बनाकर बेचने पर पाबंदी लगाता है, इस मामले में कई याचिकाकर्ता है, जो चंडीगढ़ के कई सेक्टरों में सह-स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी के हिस्सेदारों में शामिल है। प्रशासन के 9 फरवरी 2023 के पब्लिक नोटिस जारी किया गया था, जिसके अंदर गैर-परिवार सदस्यों को रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की हिस्सेदारी बेचने या ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी गई थी।
उन्हीं लोगों ने इस रोक के खिलाफ याचिका दायर कराई थी, याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इस पाबंदी के कारण उन सभी लोगों को अपनी प्रॉपर्टी बेचने में परेशानी हो रही है। कोर्ट ने कहा कि कुछ बिल्डर और मकान मालिक कानून के दायरे से बचने के लिए अपनी प्रॉपर्टी की हिस्सेदारी बेच रहे थे, जिसे बाद में वह आंतरिक समझौतों के जरिए फ्लोर के हिसाब से दूसरे खरीदारों को बेच देते है।
हाई कोर्ट ने इस प्रकार से प्रॉपर्टी की खरीदारी को कानून का उल्लंघन बताया है, इसको लेकर कानून में सीधी अनुमति नहीं दी गई है, प्रॉपर्टी को बेचने पर कोर्ट ने कहा कि सह-स्वामी अपनी हिस्सेदारी स्वतंत्र रूप से बेच सकता है लेकिन यह तभी होगा, जब पूरी प्रॉपर्टी को सिंगल यूनिट में बेचा जाए।