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Breaking News: इस बार नवरात्रि 9 नहीं, बल्कि 10 दिन होंगे, जानें स्थापना की पूरी विधि

Breaking News: आज से देशभर में धूमधाम से नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 
नवरात्रि
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Top Breaking News: इस बार नवरात्रि 9 नहीं, बल्कि 10 दिन मनाई जाएगी। इससे नवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया है। इस अवसर पर मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा विधिपूर्वक करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि कलश स्थापना की सही विधि क्या है।

नवरात्रि का समय और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार नवरात्रि का आरंभ आज से हो रहा है। यह पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ हो रहा है जो 22 सितंबर की रात 1:23 बजे से शुरू होकर 23 सितंबर की रात 2:55 बजे तक चलेगा। इस दिन से ही नवरात्रि की शुरुआत मानी जाएगी। नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर को दशहरा के साथ होगा जिसमें दुर्गा विसर्जन भी किया जाएगा।

कलश स्थापना की विधि

कलश स्थापना नवरात्रि की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि आप भी इस बार कलश स्थापना करना चाहते हैं तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा।

सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। इस पर मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करें और कलश स्थापना की प्रक्रिया शुरू करें।

मिट्टी या स्टील का कलश चुनें और उसे ढक्कन से बंद करें। ढक्कन पर गेहूं या चावल डालें। कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते लगाएं। यह एक शुभ संकेत माना जाता है।

यदि आप नारियल स्थापित कर रहे है तो उसे पहले स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर लाल कपड़े में लपेटें और कलावा से बांधें। यह नारियल कलश के ऊपर रखा जाता है।

पूजा के दौरान सफेद फूल, माला, सिंदूर, कुमकुम और अक्षत (चिउड़े) अर्पित करना शुभ माना जाता है। इन सभी चीजों से मां दुर्गा की पूजा करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करें।

पहले दिन की पूजा

नवरात्रि के पहले दिन की पूजा में विशेष रूप से मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को सफेद फूल और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करनी चाहिए। उनकी आराधना करने से मनुष्य की हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।