Breaking News: इस जिले में ठंडक ने दी दस्तक, पारा गिरते ही जम गया पाला

Top Haryana: हरियाणा में ठंड ने फिर से दस्तक दे दी है, खासकर जनवरी के अंतिम दिनों में तापमान गिरने और हवाओं की गति धीमी होने से सुबह पाला जम रहा है। यह न केवल आम लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि किसानों के लिए भी चिंता का विषय हो सकता है, खासकर सरसों, आलू और गेहूं जैसी फसलों पर पाले का असर पड़ सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने और उत्तर-पश्चिमी हवाओं के सक्रिय होने से हरियाणा में ठंड एक बार फिर तेज हो गई है। सोनीपत सहित कई इलाकों में सुबह के समय पाला जमने के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी जा रही है। खासकर खुले इलाकों में घास और खेतों पर हल्की बर्फ की चादर जमने से ठंड का असर और भी बढ़ गया है। अगर यही स्थिति कुछ और दिनों तक बनी रहती है, तो गेहूं की फसल को भी नुकसान हो सकता है।
रबी सीजन की फसलों को मिल रहा फायदा
मौजूदा मौसम रबी सीजन की फसलों, खासकर गेहूं और सरसों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। सुबह की ठंड और दिन में खिली धूप गेहूं की बढ़वार के लिए आदर्श परिस्थितियां बना रही हैं। हालांकि, लगातार गिरते न्यूनतम तापमान और पाला जमने से सरसों और सब्जियों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
सोनीपत जिले में इस बार 1.45 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बुवाई हुई है, जो दर्शाता है कि किसान इस मौसम की अनुकूलता का पूरा लाभ उठा रहे हैं। गेहूं के लिए 4 डिग्री तक गिरा न्यूनतम तापमान अच्छा संकेत है, लेकिन अगर तापमान और नीचे जाता है या लंबे समय तक पाला बना रहता है, तो यह फसल पर असर डाल सकता है।
सोनीपत जिले में ठंड का असर साफ नजर आ रहा है, खासकर न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक गिरने से। कुछ इलाकों में इससे भी कम तापमान दर्ज किया गया, जिससे सुबह के समय जबरदस्त ठंड महसूस हुई। हालांकि, सूरज निकलने के बाद तापमान में धीरे-धीरे सुधार हुआ और अधिकतम तापमान 23 डिग्री तक पहुंच गया, जिससे दिन में थोड़ी राहत मिली।
मौसम विभाग के अनुसार, हफ्ते के अंत तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे बना रहेगा, लेकिन दिन में धूप खिलने से अधिकतम तापमान 20 डिग्री से ऊपर रहने की संभावना है। इसका फायदा गेहूं जैसी रबी फसलों को मिल सकता है, लेकिन सरसों और सब्जियों के लिए लगातार पाला नुकसानदायक हो सकता है।