Haryana news: हरियाणा कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, अब नहीं उठा पाएंगे इस चीज का लाभ

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने रिटायरमेंट के बाद दोबारा नौकरी (री-एम्प्लॉयमेंट) को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य) नियम 2016 के नियम-143 के अनुसार, किसी सरकारी कर्मचारी को केवल असाधारण या विशेष परिस्थितियों में ही 58 साल की उम्र के बाद अधिकतम दो साल तक री-एम्प्लॉयमेंट मिल सकेगा।
कमेटी का होगा मूल्यांकन
इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी प्रशासकीय सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को पत्र भेजा है। इसमें बताया गया है कि सरकार ने 18 जून, 2025 को एक कमेटी का पुनर्गठन किया है जो री-एम्प्लॉयमेंट से जुड़े मामलों की समीक्षा करेगी।
यह कमेटी उन मामलों पर विचार करेगी जहां किसी कर्मचारी की सेवाएं विभाग के लिए जरूरी मानी जाती हैं। कमेटी हर महीने एक निश्चित तारीख को मीटिंग करेगी और प्रस्तावों पर विचार करेगी।
किन परिस्थितियों में मिलेगा री-एम्प्लॉयमेंट
प्रशासनिक विभाग यह तय करेंगे कि किन हालात में किसी रिटायर कर्मचारी की सेवा जरूरी है। री-एम्प्लॉयमेंट केवल उन्हीं मामलों में मिलेगा जहां इससे विभाग की कार्यप्रणाली बेहतर हो और जूनियर कर्मचारियों की पदोन्नति में कोई बाधा न आए। साथ ही संबंधित अधिकारी का सेवा रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए और उसके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित नहीं होनी चाहिए।
अधिकतम उम्र सीमा और शर्तें
री-एम्प्लॉयमेंट के लिए अधिकतम उम्र सीमा 63 साल तय की गई है ताकि रिटायर कर्मचारी 65 साल की उम्र तक कम से कम 2 साल सेवा दे सकें। दो साल की अवधि पूरी होने के बाद री-एम्प्लॉयमेंट नहीं दिया जाएगा।
अगर विभाग को लगता है कि किसी रिटायर अधिकारी की सेवाएं दो साल के बाद भी जरूरी हैं, तो उसे केवल अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर ही नियुक्त किया जा सकेगा।
प्रक्रिया और अनुमति
ऐसे मामलों में संबंधित विभाग को अपने मंत्री की अनुमति लेकर मानव संसाधन विभाग को प्रस्ताव भेजना होगा। इसके बाद कमेटी उसकी समीक्षा कर अपनी सिफारिश देगी। इसके साथ ही वित्त विभाग की सहमति और मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद ही री-एम्प्लॉयमेंट के आदेश जारी किए जाएंगे।
किन कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे निर्देश
ये नए दिशा-निर्देश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे जिनकी वर्तमान री-एम्प्लॉयमेंट अवधि पहले से स्वीकृत है और अभी चल रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य और ईएसआई विभाग के डॉक्टरों के मामले में रिटायरमेंट और री-एम्प्लॉयमेंट की शर्तें संबंधित विभागों की ओर से जारी विशेष निर्देशों के अनुसार ही तय की जाएंगी।