Amritsar-Jamnagar Expressway: हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की कनेक्टिविटी होगी और भी बेहतर, लोगों को होगा फायदा

Top Haryana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 जुलाई को अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया जो कि भारत माला परियोजना के तहत बना है। यह ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे पंजाब से शुरू होकर गुजरात तक जाता है और रास्ते में हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों को भी जोड़ता है। यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का है और जरूरत पड़ने पर इसे 10 लेन तक भी बढ़ाया जा सकता है।
राजस्थान को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा
इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरता है। कुल 1 हजार 224 किलोमीटर लंबाई में से 45% हिस्सा यानी लगभग आधा रास्ता राजस्थान के जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर और बाड़मेर से होकर जाता है।
इससे इन इलाकों की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा। उद्योगों को तेज रफ्तार से माल भेजने की सुविधा मिलेगी और विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
यात्रा का समय होगा आधा
पहले अमृतसर से जामनगर की दूरी तय करने में करीब 23 घंटे लगते थे। लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे से यह सफर अब सिर्फ 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा उन व्यापारियों को होगा जो माल को पंजाब से गुजरात के कांडला पोर्ट तक भेजते हैं।
एक्सप्रेसवे की बड़ी खासियतें
इस हाईवे की सबसे खास बात यह है कि इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम लगे होंगे जिससे केवल तय की गई दूरी का ही टोल देना होगा। इसमें अत्याधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम भी होगा जिससे सफर और सुरक्षित हो जाएगा।
तेल रिफाइनरियों और पावर प्लांट को जोड़ेगा
यह एक्सप्रेसवे तीन बड़ी तेल रिफाइनरियों बठिंडा, बाड़मेर और जामनगर को आपस में जोड़ेगा। इसके अलावा गुरुनानक थर्मल प्लांट (बठिंडा) और सूरतगढ़ का थर्मल पॉवर प्लांट भी इस मार्ग में आएगा।
आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
पूरे एक्सप्रेसवे पर करीब 22 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें से अकेले राजस्थान वाले हिस्से में 14 हजार 707 करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे राजस्थान के अलावा हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और गुजरात सीधे जुड़ जाएंगे।
इस कॉरिडोर से 7 पोर्ट, 8 एयरपोर्ट और डिफेंस एयर स्ट्रिप भी जुड़ेंगे। इससे औद्योगिक और टूरिज्म सेक्टर दोनों में तेजी आएगी। बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और कच्छ जैसे इलाकों में टूरिज्म को हाई-स्पीड कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।