Haryana news: हरियाणा के 44 गांवों को मिलेगी फ्री सोलर बिजली, जानिए क्या है योजना और कैसे होगा फायदा
Top Haryana: प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य गांवों को सोलर ऊर्जा के जरिए 24 घंटे मुफ्त बिजली देना है। सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक गांव को आदर्श सोलर गांव बनाया जाए। इसी के तहत रोहतक जिले के ये गांव चुने गए हैं।
योजना का मकसद क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को स्वच्छ और हरित ऊर्जा से आत्मनिर्भर बनाना है। इससे न केवल बिजली की समस्या दूर होगी, बल्कि गांवों का विकास भी तेजी से होगा। इस योजना के जरिए हर घर की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे बिजली पैदा की जाएगी और गांवों को लगातार बिजली मिलती रहेगी। इससे लोगों को बिजली का बिल भी नहीं देना पड़ेगा।
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गांवों में क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
- हर घर की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
- गांव की सड़कों और गलियों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी।
- किसानों के लिए सोलर पंप लगाए जाएंगे, जिससे सिंचाई आसानी से हो सकेगी।
- सोलर से पानी की सप्लाई की व्यवस्था की जाएगी।
- स्कूल, पंचायत भवन जैसे सार्वजनिक भवनों पर भी सोलर सिस्टम लगाए जाएंगे।
कैसे होंगे गांवों का चयन?
रोहतक के उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने जानकारी दी है कि जिले में 'मॉडल सोलर गांव प्रतियोगिता' आयोजित की जाएगी। यह प्रतियोगिता 8 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। इसमें शामिल 44 गांवों में से जो गांव सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा, उसे केंद्र सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा। इस राशि से उस गांव में और भी बेहतर सोलर सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
कौन-कौन से गांव शामिल हैं?
इस योजना में रोहतक जिले के 44 गांव टिटौली, चिड़ी, सांघी, खिड़वाली, इस्माइला 11बी, खरावड़, भालोट, जसिया, हसनगढ़, रूडक़ी, समचाना, रिठाल फोगाट, गांधरा, मकडौली कलां, पाकस्मा, किलोई दोपाना, किलोई खास, कंसाला, घरौंठी, बहुअकबरपुर, फरमाणा खास, लाखनमाजरा, गिरावड़, किशनगढ़, मदीना कोरसान, मदीना गिंधराण, निंदाना टीगरी, मोखरा खास, सीसर खास, खरकड़ा छाजान, भैणी महाराजपुर, बैंसी, बहलबा, मोखरा खेड़ी, काहनौर, बालंद, सुंडाना, बनियानी, करौंथा, निंगाना, कटेसरा, पिलाना और रिटौली शामिल हैं।
क्या होगा फायदा?
इस योजना से गांवों को न सिर्फ मुफ्त बिजली मिलेगी, बल्कि ग्रामीणों का बिजली पर खर्च भी बचेगा। सोलर सिस्टम से पर्यावरण को भी फायदा होगा क्योंकि यह प्रदूषण रहित ऊर्जा है। किसानों को सिंचाई में सहूलियत मिलेगी और गांव की सड़कें रोशन रहेंगी। गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं, क्योंकि सोलर पैनल लगाने और उनकी देखरेख के लिए लोगों की जरूरत होगी।
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