Haryana Budget 2025: किसानो के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार ने किया नई योजना का ऐलान 

Haryana budget 2025:श्री नायब सिंह सैनी ने आर्थिक रुप से कमजोर किसानो की सहायता के लिए अनेक प्रावधान किए है। इस योजना का लाभ ये किसान उठा सकते है।
 

Top Haryana, New Delhi Desk: हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना को लागू किया है| इस योजना के अनुसार हरियाणा के उन क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो डार्क जोन में शामिल है। किसान धान की खेती को छोड़कर दुसरी फसलों की खेती कर रहे है। कम पानी वाली फसलों की बिजाई करने तथा धान की पराली की व्यवस्था करने के लिए किसानों को हौसला बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार की सहायता करने की घोषणा की है।

बजट पेश करते समय कहा कि "मेरा पानी मेरी विरासत योजना' के अनुसार धान की खेती छोड़ने वाले कृषको की अनुदान राशि 7 हजार रुपए प्रति एकड़ से बढ़ाकर 8 हजार रुपए प्रति एकड़ की गई है। जो ग्राम पंचायतें अपनी खेती लायक भूमि को धान उगाने के लिए पट्टे पर देगी या खाली छोड़ेंगी,उन किसाने को भी अब यह प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की सीधी बुआई में 20 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक कम पानी लगता है। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बुआई अर्थात् डीएसआर (डिमांड सिग्नल रिपॉजिटरी) से बुआई करने वाले कृषको को दी जाने वाली अनुदान राशि को 4 हजार प्रति एकड़ से बढ़ाकर 4 हजार 500 रुपए प्रति एकड़ कर दिया गया है।

उन्होंने यह प्रस्ताव रखा कि धान की पराली का व्यवस्था करने वाले किसान को अभी 1 हजार रुपए प्रति एकड़ आर्थिक मदद मिलती थी, अब इसे बढ़ाकर 1 हजार रुपए 200 प्रति एकड़ कर दिया गया है।

वर्ष 2024-25 के 25,हजार एकड़ भूमि में स्वभाविक खेती के लक्ष्य के मुकाबले इस वर्ष 1 लाख एकड़ जमीन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम से कम 2 एकड़ जमीन पर प्राकृतिक खेती करने वाले कृषको को सरकार की स्पेशल योजना का लाभ मिलता था। इस सीमा को घटा कर एक एकड़ कर दिया गया है।

इसी प्रकार, लवणीय / खारी भूमि को सजीव करने के लिए चालू वर्ष के 62 हजार एकड़ के उद्देश्य को वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर 1 लाख एकड़ करने का प्रस्ताव किया गया है।

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के अनुसार किसान धान की खेती से मक्का, उड़द, कपास, बाजरा, और बेसन मूंग (बैसाखी मूंग) जैसी अनेक फसलों की खेती करने के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से 7 हजार रूपए का सहायता भू जल के स्तर को अधिक करने  के लिए सूक्ष्म सिंचाई पर 80 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर सकेंगे |