Income Tax Update: 17 लाख तक की कमाई पर नहीं देना होगा कोई टैक्स, करें केवल यह कार्य
Income Tax Update: अधिकांश लोग टैक्स बचाने के लिए नए-नए तरीके खोजते रहते है, केंद्र सरकार ने बजट 2025-26 में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स से मुक्त किया है।
Top Haryana, New Delhi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया है लेकिन 12 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय वाले लोगों का क्या फायदा हुआ।
टैक्स बचत करने के लिए नई टैक्स नीति या पुरानी टैक्स नीति दोनों में से एक चुनना चाहिए या फिर सैलरी व्यवस्था में बदलाव करके 12 लाख रुपये से अधिक की आय को टैक्स से बचाया जा सकता है। कुछ भत्तों का लाभ उठाकर इस इनकम लिमिट को 17 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है यदि आपकी कंपनी अपनी वेतन व्यवस्था में बदलाव करती है।
आयकर अधिनियम के मुताबिक कुछ अलाउंस टैक्स न्यू टैक्स रिजीम के तहत लागू नहीं होते है, तय की गई शर्तों को पूरा करने के बाद ही इसका लाभ उठाया जा सकता है, आप अपनी सैलरी व्यवस्था में बदलाव करके करीब 17 लाख रुपये की सालाना आय को टैक्स से मुक्त कर सकते है।
इन भत्ते की सहायता से बचाएं टैक्स
नई टैक्स रिजीम के तहत आयकर अधिनियम में कुछ भत्ते हैं जो टैक्सपेयर्स को अपनी सैलरी स्ट्रक्चर को फिर से व्यवस्थित करने में मदद कर सकते है, कुछ शर्ते पूरी की जाती है तो ये भत्ते अलाउंस टैक्स फ्री हो सकते है।
टेलीफोन और मोबाइल बिल
कर्मचारी अपने द्वारा भरे गए टेलीफोन और मोबाइल बिल के आधार पर भी टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते है, किसी भी टैक्स रिजीम के तहत टेलीफोन और इंटरनेट बिलों की छूट के संबंध में कोई लिमिट निर्धारित नहीं की गई है।
कर्मचारियों को एक उचित रकम का ही दावा करना चाहिए, उनके अनुसार कर्मचारी अपनी सैलरी स्ट्रक्चर में टेलीफोन, मोबाइल, इंटरनेट बिलों को एड करने के लिए बदलाव करते है तो यह कदम उन्हें टैक्स में राहत दिला सकता है।
ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस
आयकर अधिनियम के तहत दिव्यांग लोगों के लिए टैक्स-फ्री ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस का प्रावधान है, वह घर से ऑफिस और ऑफिस से घर की यात्रा पर होने वाले खर्चे का दावा कर सकते हैं।
दिव्यांग कर्मचारियों को मिलने वाले परिवहन भत्ते पर 3 हजार 200 रुपये महीने या 38 हजार 400 रुपये सालाना तक की छूट दी जाती है, सिर्फ ऐसे कर्मचारी इस छूट के पात्र है, जो नेत्रहीन या जिनके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता है।
कन्वेंस अलाउंस
यह कंपनियों मालिकों की तरफ से कर्मचारियों को उनके काम के लिए दी जाने वाली सुविधा है, यह दिव्यांग कर्मचारियों को दिए जाने वाले ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस से अलग होता है।
कर्मचारी को मिलने वाला कन्वेंस रिम्बर्समेंट उस स्थिति में टैक्स फ्री है, यह खर्चा आफिस से घर और घर से ऑफिस आने-जाने के दौरान किया जाता है, कर्मचारी को रिम्बर्समेंट का दावा करने के लिए बिल जमा करना अनिवार्य है, जिससे वह टैक्स में भारी छूट पा सकता है।
कार लीज पॉलिसी
कार लीज नीति के मुताबिक कुछ कंपनी मालिक कर्मचारियों को व्यक्तिगत और आधिकारिक उपयोग के लिए कार देते है, इसे आयकर के तहत एक अनुलाभ माना जाता है लेकिन इसकी वैल्यू बहुत कम है। कंपनी मालिक द्वारा कर्मचारी के व्यक्तिगत और आधिकारिक उपयोग के लिए दी जाने वाली कार की पर्क्विजिट वैल्यू बहुत कम है।
नई व्यवस्थाओं के तहत वैल्यूएशन मैकेनिज्म एक ही रहता है, कार के इंजन की क्यूबिक कैपेसिटी 1.6 लीटर से ज्यादा नहीं है तो ऐसे पर्क्विजिट की टैक्सेबल वैल्यू 1 हजार 800 रुपये महीने है, कैपेसिटी 1.6 लीटर से ज्यादा है तो वैल्यू 2 हजार 400 रुपये महीने होगी, ड्राइवर भी उपलब्ध कराया जाता है तो पर्क्विजिट वैल्यू में 900 रुपये महीने अतिरिक्त जोड़े जाएंगे।