Today Haryana Weather: हरियाणा में फिर बदलेगा मौसम, गर्मी से राहत, हल्की ठंड शुरू होने के आसार

Today Haryana Weather: हरियाणा मौसम विभाग ने ताजा रिपोर्ट जारी कर दी है, आइए जानें हरियाणा के अलग-अलग जिलों में कैसा रहेगा मौसम...
 

Top Haryana: हरियाणा में मौसम में जल्द ही बदलाव देखने को मिलेगा। 28 सितंबर से प्रदेश में पहाड़ी इलाकों की तरफ से ठंडी हवाएं चलने लगेंगी जिससे तापमान में गिरावट आएगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि रात के समय हल्की ठंड भी महसूस की जा सकेगी।

पहाड़ों से चलेंगी हवाएं

मौसम विभाग के अनुसार इस समय प्रदेश में पश्चिमी हवाएं चल रही हैं लेकिन 28 सितंबर के बाद ये हवाएं उत्तर-पश्चिमी दिशा से चलेंगी। इन हवाओं के कारण उत्तरी भारत के पहाड़ी इलाकों से ठंडी हवा हरियाणा में पहुंचेगी।

इससे तापमान में गिरावट आएगी और मौसम सुहावना हो जाएगा। यह बदलाव खासतौर पर किसानों के लिए फायदेमंद रहेगा क्योंकि तापमान सरसों की बुआई के लिए अनुकूल हो जाएगा।

बंगाल की खाड़ी और राजस्थान के ऊपर बनेगा सिस्टम

हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के मौसम विभाग प्रमुख डॉ. मदनलाल खीचड़ के अनुसार 28 सितंबर की रात से बंगाल की खाड़ी और राजस्थान के ऊपर एक एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन (प्रतिचक्रवातीय प्रणाली) बनने की संभावना है।

इसका ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में दिखेगा जबकि हरियाणा और पंजाब में इसका हल्का असर रहेगा। हालांकि इससे भी प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।

समय से पहले सर्दी शुरू होने के संकेत

डॉ. खीचड़ का कहना है कि इस बार मानसून के दौरान हरियाणा में औसत से ज्यादा बारिश हुई है। सामान्य से अधिक बारिश के कारण सर्दी समय से पहले शुरू हो सकती है।

जब ज्यादा बारिश होती है तो ठंडी के मौसम में ज्यादा पाला पड़ने की संभावना कम हो जाती है। इसका मतलब है कि इस बार सर्दी ज्यादा सख्त नहीं होगी और ठंडी सूखी नहीं रहेगी।

बारिश के आंकड़े

एक जून से 24 सितंबर तक हरियाणा में औसतन 413.7 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी लेकिन इस बार 568.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो कि सामान्य से 38 प्रतिशत ज्यादा है।

सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर जिले में हुई है, जहां 1116.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं सबसे कम बारिश सिरसा में हुई है जहां 346.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

किसानों के लिए राहत की खबर

मौसम में होने वाले इस बदलाव से किसानों को भी राहत मिलेगी। खासकर सरसों जैसी फसलों की बुआई के लिए यह मौसम अनुकूल हो जाएगा। तापमान में गिरावट के साथ ही खेतों में नमी बनी रहेगी जिससे अच्छी पैदावार की संभावना बढ़ जाएगी।