हरियाणा में HKRNL के माध्यम से नियुक्त अतिरिक्त शिक्षकों की सेवा समाप्त, शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

 शिक्षकों का कहना है कि सरकार को पहले स्थायी समाधान निकालना चाहिए था, ताकि रोजगार प्रभावित न हो। वहीं, कुछ शिक्षक इस फैसले को...
 
Top Haryana, Panchkula Desk: हरियाणा के प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय, पंचकूला ने एक आधिकारिक आदेश जारी किया है, जिसमें HKRNL (Haryana Kaushal Rozgar Nigam Limited) के तहत अनुबंध पर कार्यरत अतिरिक्त TGT (Trained Graduate Teachers) शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या है HKRNL आदेश में?

शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस पत्र में कहा गया है कि जो भी शिक्षक सरप्लस (अतिरिक्त) हो गए हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए। यह आदेश हरियाणा के सभी जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों (DEEOs) और जिला ड्राइंग व डिस्बर्सिंग अधिकारियों (DDOs) को दिया गया है। इसके अलावा, विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर HKRN पोर्टल पर कोई अपडेट आवश्यक है, तो उसे तुरंत किया जाए।

आदेश का मुख्य उद्देश्य

इस आदेश के पीछे मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि कई स्कूलों में कुछ विषयों के शिक्षक अधिक संख्या में नियुक्त हो गए थे, जिससे अनावश्यक सरकारी खर्च बढ़ रहा था। सरकार का मानना है कि इन शिक्षकों को हटाने से शिक्षा प्रणाली अधिक प्रभावी और संतुलित होगी।

शिक्षकों पर प्रभाव

- जिन शिक्षकों की नियुक्ति HKRNL के तहत हुई थी और वे अब अतिरिक्त की श्रेणी में आ चुके हैं, उनकी सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।
- यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा, इसलिए प्रभावित शिक्षकों को जल्द ही नए रोजगार विकल्प तलाशने पड़ सकते हैं।
- यह भी संभव है कि सरकार बाद में कहीं और रिक्त पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित करने का निर्णय ले।

क्या इससे नई भर्ती का रास्ता खुलेगा?

इस आदेश के बाद संभावना है कि राज्य में नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए या फिर पहले से चयनित उम्मीदवारों की वेटिंग लिस्ट को सक्रिय किया जाए। इससे नई भर्तियों की संभावना बढ़ सकती है।

शिक्षकों की प्रतिक्रिया

इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कुछ शिक्षकों का कहना है कि सरकार को पहले स्थायी समाधान निकालना चाहिए था, ताकि रोजगार प्रभावित न हो। वहीं, कुछ शिक्षक इस फैसले को शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करने का सही कदम मान रहे हैं।

सरकार का आगे का कदम

राज्य सरकार जल्द ही यह स्पष्ट कर सकती है कि क्या इन शिक्षकों को किसी अन्य पदों पर समायोजित किया जाएगा या नहीं।