Land Rules: भूमि अधिग्रहण नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, इन मालिकों को वापिस मिलेगी जमीन 

Land Rules: भारत में बीते कुछ सालों में हाईवे और एक्सप्रेस-वे का तेजी से विस्तार हुआ है। इसके लिए सरकार ने कई जगहों पर लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया है। अब सरकार जमीन अधिग्रहण से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है।

 

Top Haryana, New Delhi: नई योजना के तहत अगर सरकार हाईवे बनाने के लिए ली गई जमीन का इस्तेमाल 5 साल तक नहीं करती है, तो वह जमीन उसके असली मालिक को वापस कर दी जाएगी। यानी अगर सरकार तय समय में जमीन पर कोई काम नहीं शुरू करती, तो मालिक अपनी जमीन फिर से ले सकेगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए नेशनल हाईवे एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को अब कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा गया है।

मुआवजे पर आपत्ति की समय सीमा तय
इस नए नियम में यह भी कहा गया है कि जब किसी जमीन का मुआवजा तय हो जाएगा, तो उसके 3 महीने के अंदर ही मुआवजे पर आपत्ति जताई जा सकेगी। इसके बाद न तो जमीन का मालिक और न ही राजमार्ग प्राधिकरण कोई आपत्ति कर सकेगा।

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कानूनी विवादों को कम करने की कोशिश
इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य है कि हाईवे विकास में लगने वाला समय कम हो और जमीन से जुड़े कानूनी विवादों को भी कम किया जा सके। अक्सर ऐसा होता है कि जमीन अधिग्रहण के बाद भी काम समय पर नहीं शुरू हो पाता, जिससे कई विवाद खड़े हो जाते हैं।

सरकार अब यह भी प्रस्ताव दे रही है कि हाईवे के साथ-साथ रेलवे, हवाई मार्ग और अन्य परिवहन सुविधाओं को भी नेशनल हाईवे के तहत घोषित किया जा सके। इससे भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकास करना आसान होगा।

नया पोर्टल और कड़े नियम
सरकार एक खास पोर्टल भी बनाएगी, जहां जमीन अधिग्रहण से जुड़ी अधिसूचना यानी नोटिस को सार्वजनिक किया जाएगा। जैसे ही सरकार अधिसूचना जारी करेगी, उस जमीन पर कोई भी व्यक्ति कोई नया निर्माण या खरीद-फरोख्त नहीं कर सकेगा। यह नियम इसलिए जरूरी है क्योंकि कई बार लोग ज्यादा मुआवजा पाने के लिए जानबूझकर अधिसूचना के बाद मकान या दुकान बना लेते हैं।

मुआवजे का सही तरीका
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि मुआवजा तय करते समय जमीन का मूल्य अधिसूचना की तारीख के हिसाब से ही लिया जाएगा। इससे मनमाने ढंग से मुआवजा बढ़ाने की कोशिशों पर रोक लगेगी। मुआवजा तय करने वाले अधिकारी, आपत्ति करने की प्रक्रिया और मध्यस्थ के लिए नियमों को समय सीमा में बांध दिया गया है। इसका मकसद है कि जमीन अधिग्रहण में पारदर्शिता लाई जा सके और हाईवे प्रोजेक्ट बिना रुकावट पूरे किए जा सकें।

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