Haryana news: हरियाणा से गुजरेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, जानें किसको होगा फायदा

Haryana news: हरियाणा से गुजरने जा रही है देश की हाइड्रोजन ट्रेन, आइए जानें किन जगहों से होकर गुजरेगी यह ट्रेन...
 

Top Haryana: भारतीय रेलवे अब पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नई तकनीकों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसी कड़ी में देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है।

यह ट्रेन हरियाणा के सोनीपत से जींद सेक्शन के बीच चलेगी और इसकी अधिकतम रफ्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। रेलवे का लक्ष्य 2030 तक पूरी तरह से "जीरो कार्बन उत्सर्जन" हासिल करना है और यह हाइड्रोजन ट्रेन उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

हाइड्रोजन ट्रेन करेगी 90 किलोमीटर की यात्रा

यह देश की पहली प्रदूषण रहित ट्रेन होगी जो कुल 90 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस ट्रेन में 8 से 10 डिब्बे होंगे। जानकारी के अनुसार अगर इतनी दूरी डीजल इंजन वाली ट्रेन तय करती है तो इससे करीब 964 किलो कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।

जींद स्टेशन पर बन रहा हाइड्रोजन स्टोरेज प्लांट

हाइड्रोजन ट्रेन के संचालन के लिए जरूरी व्यवस्था भी रेलवे द्वारा तेजी से की जा रही है। हरियाणा के जींद जिले के रेलवे स्टेशन पर 3 हजार किलो हाइड्रोजन स्टोर करने की क्षमता वाला प्लांट बनाया जा रहा है। इसके अलावा अंडरग्राउंड स्टोरेज भी तैयार किया जा रहा है।

स्टेशन की छतों पर गिरने वाला बारिश का पानी भी इकट्ठा किया जाएगा और इसे हाइड्रोजन के निर्माण व संचालन में इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रेन के ट्रायल रन की योजना दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच की गई है और इसी वित्तीय वर्ष में इसे नियमित रूप से चलाया जा सकता है।

भारत बना पांचवां देश जहां चलेगी हाइड्रोजन ट्रेन

हाइड्रोजन ट्रेन की तकनीक दुनिया के कुछ गिने-चुने देशों के पास ही है। भारत से पहले स्वीडन, चीन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में इस तरह की ट्रेनें चल रही हैं। भारत इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर आएगा।

चेन्नई की इंट्रीगल कोच फैक्ट्री में इस ट्रेन के डिब्बों को तैयार किया जा रहा है जो कि दिसंबर 2025 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। पहले चरण में दो हाइड्रोजन ट्रेनें चलाई जाएंगी।

डीजल के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद है हाइड्रोजन ट्रेन

जानकारों के अनुसार 1 किलो हाइड्रोजन ईंधन से हाइड्रोजन ट्रेन उतना माइलेज देती है जितना कि 4.5 लीटर डीजल से मिलता है। ट्रेन को चलाने के लिए कुल 2.4 मेगावाट बिजली की जरूरत होगी जिसके लिए दो छोटे पावर प्लांट ट्रेन में ही लगाए जाएंगे।

पहाड़ों तक पहुंचेगी हाइड्रोजन ट्रेन

रेलवे की योजना अगले तीन सालों में हाइड्रोजन ट्रेनों को देश के पहाड़ी और हेरिटेज रूट्स पर भी चलाने की है। इसमें माथेरान हिल रेलवे, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका-शिमला रेलवे, कांगड़ा घाटी और नीलगिरी माउंटेन रेलवे जैसे मार्ग शामिल हैं। रेलवे का यह कदम भारत को साफ-सुथरी और आधुनिक यात्रा प्रणाली की ओर ले जा रहा है।