Hisar HAU News: छात्रों का दो टूक ऐलान, जब तक वीसी और अफसरों पर कार्रवाई नहीं होगी, बात नहीं करेंगे
Hisar HAU News: एचएयू हिसार के छात्रों का आंदोलन नौवें दिन भी जारी, प्रशासन की कोशिशें नाकाम...
Top Haryana News, Digital Desk: हरियाणा के हिसार में स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU) के छात्रों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को लगातार नौवें दिन भी थमता नजर नहीं आया| प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की बातचीत की कोशिशों को यह कहकर ठुकरा दिया कि जब तक कुलपति बी.आर. कंबोज (B.R. Kamboj) इस्तीफा नहीं देंगे और 10 जून को हुए लाठीचार्ज के मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी|
बातचीत की कोशिशें, लेकिन छात्रों का रुख सख्त
प्रशासन की ओर से बनी तीन सदस्यीय समिति, जिसमें विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग (Dr. Rajbir Garg) शामिल हैं, ने गेट नंबर 4 पर चल रहे धरना स्थल का दौरा किया| उन्होंने छात्रों से वार्ता शुरू करने का अनुरोध किया, लेकिन छात्र प्रतिनिधियों ने साफ इनकार कर दिया|
छात्रों का कहना है कि प्रशासन उनके मुद्दों को हल करने की बजाय उन्हें जाति और क्षेत्र के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहा है| एक छात्र प्रतिनिधि ने बताया, "प्रशासन ने हिसार के डिप्टी कमिश्नर को एक पत्र भेजकर 19 छात्रों पर अन्य विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने से रोकने और जबरन आंदोलन में शामिल करने का आरोप लगाया है| यह कुलपति की ओर से की जा रही विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा है|"
छात्रों ने उठाए कई गंभीर सवाल
छात्रों ने समिति के सामने 10 जून की रात से जुड़े कई गंभीर सवाल भी रखे-
- एक छात्र पर सुरक्षा गार्डों द्वारा कथित हमला क्यों हुआ?
- कुलपति निवास के बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान परिसर की लाइटें क्यों बंद की गईं?
- रजिस्ट्रार और मुख्य सुरक्षा अधिकारी जैसे वरिष्ठ अफसरों को प्रदर्शनकारियों का पीछा करते क्यों देखा गया?
एक छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि आमतौर पर छात्रावास की लाइटें शाम 7:30 बजे बंद होती हैं, लेकिन उस दिन लाइटें पहले ही बंद कर दी गईं| साथ ही कुछ संकाय सदस्य रात 11 बजे तक छात्राओं को बातचीत के लिए बुलाते रहे, जो सुरक्षा की नजर से चिंता का विषय है|
क्या बोले छात्र?
छात्रों का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि लगातार हो रही अनदेखी और अन्याय के खिलाफ उनकी आवाज़ है| जब तक कुलपति और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक पीछे हटने का सवाल ही नहीं है|