Haryana-Punjab water dispute: हाईकोर्ट ने केंद्र, हरियाणा और BBMB को भेजा नोटिस, इस तारीख को होगी अगली सुनवाई

Haryana-Punjab water dispute: हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से मांगा जवाब, भाखड़ा डैम पर हुई घटना और झूठे हलफनामे ने मामले को और पेचीदा बना दिया। अब सबकी नजरें अगली सुनवाई पर टिकी हैं। आइए जानें पूरी खबर...
 

Top Haryana: पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चल रहे जल विवाद को लेकर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। यह सुनवाई पंजाब सरकार द्वारा दायर की गई समीक्षा याचिका पर हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को नोटिस जारी किया है और 20 मई को अगली सुनवाई तय की है।

BBMB की अहम बैठक टली

इस विवाद के बीच भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की एक जरूरी बैठक होनी थी, जिसमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के इंजीनियर शामिल होने वाले थे। इस बैठक में मई और जून महीने में छोड़े जाने वाले पानी को लेकर योजना बनाई जानी थी अब यह बैठक एक दिन के लिए टाल दी गई है और अब यह बैठक 15 मई को होगी।

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भाखड़ा डैम पर विवाद और हलफनामा

जानकारी के अनुसार, 8 मई को BBMB के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी भाखड़ा डैम पर पानी छोड़ने के लिए पहुंचे थे। वहां स्थानीय लोगों और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक दिया और डैम का संचालन रोक दिया। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद मौके पर पहुंचे और कहा कि जब तक 2 मई को केंद्र की बैठक में लिए गए फैसले की कॉपी नहीं दी जाती, तब तक पानी नहीं छोड़ा जाएगा।

इसके बाद BBMB के चेयरमैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और एक हलफनामा जमा किया। उन्होंने इसमें कहा कि पंजाब पुलिस ने उनके काम में बाधा डाली और उन्हें गैर-कानूनी रूप से रोका गया। कोर्ट ने इस पर पंजाब सरकार से उन पुलिसकर्मियों की पहचान करने को कहा, जिन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया।

पंजाब सरकार का जवाब और आरोपों में उलझाव

पंजाब सरकार ने जवाब में कहा कि 8 मई को अदालत की लाइव कार्यवाही के दौरान चेयरमैन त्रिपाठी ने माना था कि वे सिर्फ स्थानीय नागरिकों से घिरे थे और पंजाब पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने में मदद की थी। लेकिन इसके अगले दिन 9 मई को दिए गए हलफनामे में उन्होंने कहा कि उन्हें गैर-कानूनी हिरासत में रखा गया था। यह बात उनके पहले बयान से मेल नहीं खाती।

पंजाब सरकार ने उठाया कानूनी कदम

इस विरोधाभासी बयान के आधार पर पंजाब सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 379 के तहत हाईकोर्ट से झूठा हलफनामा देने की जांच शुरू करने की मांग की है। साथ ही 6 मई को हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के आरोप में चेयरमैन त्रिपाठी और जल विनियमन निदेशक संजीव कुमार के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की है।

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