Haryana news: हरियाणा में बिछेगी इतनी लंबी फोरलेन रेलवे लाइन, कई जिलों और गांवों की बदलेगी किस्मत

Haryana news: हरियाणा में नई रेलवे लाइन बिछने जा रही है, आइए जानें इसके बारें में...
 

Top Haryana: हरियाणा के लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। रेलवे मंत्रालय ने दिल्ली से अंबाला तक की रेलवे लाइन को फोरलेन (चार ट्रैक) में बदलने की योजना को मंजूरी दे दी है। इससे इस रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, सफर आरामदायक होगा और ट्रेनों में देरी की परेशानी भी कम होगी।

193.6 किलोमीटर का होगा रेलवे ट्रैक
इस योजना के तहत दिल्ली-अंबाला के बीच 193.6 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन को चार ट्रैकों में बदला जाएगा। अभी यहां सिर्फ दो ट्रैक हैं जो ट्रेनों की बढ़ती संख्या और भीड़ को संभालने में नाकाफी हैं। फोरलेन बनने से रेल संचालन तेज और बेहतर हो जाएगा। यात्रियों को कम समय में सफर पूरा करने में मदद मिलेगी।

32 रेलवे स्टेशनों का होगा विकास
इस प्रोजेक्ट में 32 रेलवे स्टेशनों का भी विकास किया जाएगा, जिसमें प्लेटफॉर्म बढ़ाने, यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, साफ-सफाई और अन्य सुविधाएं शामिल होंगी। पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 7 हजार 74 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है और इसे लगभग चार साल में पूरा किया जाएगा।

जमीन अधिग्रहण का काम शुरू
रेलवे लाइन के विस्तार के लिए पानीपत और समालखा क्षेत्र के 15 गांवों से करीब 11 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। इस जमीन के बदले गांव के मालिकों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा 80 हेक्टेयर जमीन निजी स्रोतों से और 5 हेक्टेयर सरकारी भूमि के रूप में ली जाएगी।

फोरलेन ट्रैक से क्या होंगे फायदे?
फोरलेन बनने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, जिससे सफर जल्दी पूरा होगा। अभी के मुकाबले ट्रेनों के बीच की दूरी कम होगी और संचालन ज्यादा सुचारु हो पाएगा। यात्री सुविधाओं में भी इजाफा होगा जिससे सफर ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित बनेगा।

जिले स्तर पर बैठकें शुरू
इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए पानीपत और सोनीपत के जिला प्रशासन और रेलवे विभाग ने कई बैठकें की हैं। इन बैठकों में प्रोजेक्ट की रूपरेखा, जमीन अधिग्रहण, लोगों को होने वाले फायदे और योजना को लागू करने की रणनीति पर चर्चा हुई।

क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस फोरलेन ट्रैक से न केवल यात्रा सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि माल ढुलाई भी तेज होगी, जिससे स्थानीय व्यापार और उद्योग को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही नई नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे। रेलवे स्टेशनों और ट्रैक के विकास से आस-पास के गांवों और कस्बों में आर्थिक और सामाजिक विकास की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।