Haryana news: हरियाणा में प्रदूषण पर सख्त कदम, 12 शहरों में एंटी स्मॉग गन और रोड स्वीपिंग मशीनें
Top Haryana news: इस योजना के तहत 12 प्रमुख शहरों में एंटी स्मॉग गन, रोड स्वीपिंग मशीनें, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और सीएंडडी वेस्ट प्लांट लगाए जाएंगे।
बायोगैस आधारित दाह संस्कार और सड़कों के निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस योजना का कुल बजट 17 करोड़ रुपये से ज्यादा है और इसे प्रदूषण के बढ़ने के समय अक्टूबर से दिसंबर तक लागू किया जाएगा जब प्रदूषण सबसे ज्यादा बढ़ जाता है।
प्रमुख शहरों पर ध्यान केंद्रित
हरियाणा के 12 शहरों में इस परियोजना का लाभ मिलेगा। जिनमें गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, बहादुरगढ़, भिवानी, करनाल, दादरी, नूंह, नारनौल, पलवल, धारूहेड़ा और जींद शामिल हैं।
इस बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा गुरुग्राम को मिलेगा जहां 38.7 प्रतिशत राशि खर्च की जाएगी। इन शहरों में एंटी स्मॉग गन और अन्य उपायों से प्रदूषण को नियंत्रित किया जाएगा।
गुरुग्राम और फरीदाबाद पर विशेष ध्यान
दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद पर प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं। सरकार ने 2029 तक इन दोनों शहरों में सभी सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक करने का निर्णय लिया है।
कई जिलों में इलेक्ट्रिक बसें भी चलाई जाएंगी। प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार का ध्यान वाहन, शहरी क्षेत्र, औद्योगिक इकाइयों, घरेलू ईंधन और कृषि क्षेत्रों पर होगा। औद्योगिक इकाइयों को पीएनजी/सीएनजी या अन्य गैसीय ईंधन पर शिफ्ट किया जाएगा।
कृषि और पर्यावरण संबंधी कदम
2030 तक पराली जलाने की घटनाओं को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन योजनाएं बनाई जाएंगी। कृषि विभाग में द्वितीयक उत्सर्जन निगरानी केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
इसके साथ ही नदियों की सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण को कम करने के लिए कागजों में ही पौधारोपण न हो बल्कि धरती पर वास्तविक हरियाली दिखनी चाहिए।
प्रदूषण पर कड़ी निगरानी
हरियाणा में अब तक 29 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र काम कर रहे हैं, और 31 दिसंबर 2026 तक 18 और नए केंद्र स्थापित किए जाएंगे। राज्य में प्रदूषण के 63 हॉट स्पॉट हैं जिनमें से 48 को ग्रीन जोन में बदलने का लक्ष्य है।
कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के पार भी पहुंच चुका है जो एक गंभीर समस्या है। इस योजना के तहत प्रदूषण पर सख्त निगरानी रखी जाएगी जिससे राज्य में हवा की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके।