Haryana News: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में होगी रोबोटिक्स और 3डी की पढ़ाई, तकनीकी शिक्षा की ओर बड़ा कदम
Top Haryana News: बजट में घोषणा की गई है कि अब राज्य के 615 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में स्टेम (STEM साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमैटिक्स) लैब को अपग्रेड किया जाएगा।
इससे पहले ऐसी लैब केवल 50 स्कूलों में ही चल रही थीं। इस कदम का उद्देश्य है कि बच्चों को बचपन से ही आधुनिक तकनीक से जोड़कर भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जाए।
क्या होंगे लैब में इंतज़ाम
इन नई स्टेम लैब में छात्रों को प्रायोगिक (practical) तरीके से पढ़ाने की सुविधा होगी। हर लैब में 16 से 20 टैबलेट, रोबोटिक किट्स, 3D प्रिंटर और कोडिंग सॉफ्टवेयर उपलब्ध होंगे।
इससे बच्चों को रोबोटिक्स, 3डी डिजाइन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीक का सीधा अनुभव मिलेगा। खास बात यह है कि हर लैब में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षक को संविदा (contract) पर रखा जाएगा ताकि छात्र तकनीकी विषयों को आसानी और मज़ेदार तरीके से सीख सकें।
पायलट प्रोजेक्ट से मिली प्रेरणा
इससे पहले सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 13 जिलों के 50 स्कूलों में स्टेम लैब की शुरुआत की थी। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, हिसार, अंबाला, पंचकूला, रोहतक, यमुनानगर, करनाल, पलवल, नूंह, फतेहाबाद और सिरसा शामिल हैं।
इन स्कूलों में लगभग 20 हज़ार छात्रों को नई तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जा चुका है। पायलट प्रोजेक्ट में हर लैब में टैबलेट और सॉफ्टवेयर दिए गए थे और शिक्षकों को गांधीनगर (गुजरात) जैसे प्रशिक्षण केंद्रों में एक हफ्ते की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई थी।
छात्रों में दिखे सकारात्मक नतीजे
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) विनीत गर्ग ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट से मिले शुरुआती परिणाम काफी उत्साहजनक रहे हैं
छात्रों में न केवल रचनात्मकता (creativity) और समस्या समाधान क्षमता (problem-solving skills) बढ़ी है बल्कि उनकी तकनीक के प्रति जिज्ञासा भी काफी अधिक देखने को मिली है। यही कारण है कि अब इस योजना को पूरे राज्य में 615 स्कूलों तक बढ़ाया जा रहा है।