Haryana News: अब इतने साल पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, जानें क्या है इसके पीछे का कारण
Top Haryana: हरियाणा के वाहन मालिकों के लिए जरूरी खबर है। राज्य सरकार ने 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन (पेट्रोल-डीजल) नहीं देने का फैसला किया है। यह फैसला फरीदाबाद और गुरुग्राम जिलों में 1 नवंबर 2025 से लागू होगा।
सरकार का यह कदम वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया है। इसी के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद "कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM)" ने निर्देश जारी किए हैं। पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं वातावरण को काफी नुकसान पहुंचाता है, इसलिए इन वाहनों को अब फ्यूल नहीं दिया जाएगा।
कहां-कहां लागू होगा यह नियम?
शुरुआत में यह नियम फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत जिलों में लागू होगा। इसके बाद 1 अप्रैल 2026 से एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) के बाकी जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा। दिल्ली में यह नियम पहले ही 1 जुलाई 2025 से लागू किया जा रहा है।
पेट्रोल पंपों पर लगेंगे कैमरे
इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने 31 अक्टूबर 2025 तक सभी पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर) लगाने का आदेश दिया है। इन कैमरों की मदद से यह पता लगाया जाएगा कि कौन-सा वाहन नियमों के अंतर्गत आता है और कौन नहीं। फरीदाबाद जिले में करीब 105 पेट्रोल पंप हैं जहां ये कैमरे लगाए जाएंगे। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पुराना वाहन इस नियम से बच न पाए।
क्या कह रहे हैं अधिकारी?
गुरुग्राम के पेट्रोल पंप संचालक मनीष यादव ने कहा कि अभी कैमरे लगाने को लेकर कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है, लेकिन सरकार की योजना में वे पूरा सहयोग करेंगे। वहीं, एसडीएम परमजीत चहल ने बताया कि सोमवार को इस मुद्दे पर बैठक होगी जिसमें नियमों को लेकर और जानकारी दी जाएगी। फरीदाबाद और गुरुग्राम के आरटीए अधिकारियों को चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के साथ होने वाली बैठक में बुलाया गया है। इसमें इस नियम को लागू करने के तरीकों और गाइडलाइंस पर चर्चा की जाएगी।
3 लाख वाहन होंगे प्रभावित
फरीदाबाद में करीब 3 लाख ऐसे वाहन हैं जो इस नियम की सीमा में आते हैं। यदि वाहन मालिक 31 अक्टूबर 2025 तक ऐसे वाहनों को हटाते नहीं हैं तो 1 नवंबर से उन्हें पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा।
क्यों लिया गया है ये फैसला?
सीएक्यूएम का कहना है कि पुराने यानी EOL (End of Life) वाहन दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण फैलाते हैं। इसलिए इन्हें हटाना जरूरी है।