Haryana News: हरियाणा को मिलेगा गंगा का पानी, सरकार ने बनाया नया प्लान
Top Haryana: हरियाणा के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। अब राज्य को पानी की कमी से राहत मिलने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के बावजूद पंजाब की ओर से हरियाणा को एसवाईएल (SYL) नहर का पानी नहीं मिल सका है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने अब गंगा नदी से पानी लाने का फैसला किया है ताकि राज्य की पीने और सिंचाई की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
गंगा-यमुना लिंक नहर का प्रस्ताव
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करीब ढाई साल पहले गंगा का पानी हरियाणा लाने की दिशा में काम शुरू किया था। अब नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाए हैं। उन्होंने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए हैं।
वे गंगा का पानी उत्तर प्रदेश से हरियाणा लाने के सभी संभावित रास्तों और तरीकों पर काम करें। इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है जिसकी अगुवाई चीफ इंजीनियर करेंगे। यह कमेटी उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से बातचीत कर सभी विकल्पों पर चर्चा करेगी।
उत्तर प्रदेश ने सुझाए पांच विकल्प
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हरियाणा को गंगा का पानी लाने के लिए पांच संभावित विकल्प दिए गए हैं। इनमें खतौली के पास हिंडन बैरियर, बदरूद्दीन नगर, मुरादनगर और यमुनानगर के कुछ चैनल शामिल हैं। इन रास्तों से गंगा का पानी हरियाणा तक पहुंचाया जा सकता है। कमेटी एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री सैनी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से चर्चा करेंगे।
दिल्ली और एनसीआर को भी होगा फायदा
हरियाणा सरकार का मानना है कि राज्य में पीने के पानी की समस्या लगातार बढ़ रही है। खासकर गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे बड़े जिलों में पानी की भारी किल्लत है। दिल्ली में भी हालात खराब होते जा रहे हैं। ऐसे में यदि यह योजना सफल होती है तो इसका लाभ न सिर्फ हरियाणा को बल्कि दिल्ली को भी मिलेगा।
यमुना पर निर्भरता होगी कम
गंगा का पानी हरियाणा में आने के बाद राज्य की यमुना पर निर्भरता कम हो जाएगी। सरकार की योजना है कि इस प्रोजेक्ट को 2031 तक पूरा कर लिया जाए। योजना के तहत गंगा का पानी यमुना में मिलाया जाएगा और फिर यमुना के जरिए हरियाणा तक लाया जाएगा।
सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने अधिकारियों को परियोजना से जुड़ी सभी समस्याओं की एक अलग रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि आगे की बातचीत में उन्हें दूर किया जा सके। यह योजना हरियाणा की जल संकट की समस्या का बड़ा समाधान साबित हो सकती है।