Haryana News: हरियाणा के किसानों की हुई बल्ले-बल्ले, सैनी सरकार ने लिया बड़ा निर्णय

Haryana News: हरियाणा में रहने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने किसानों के लिए कुछ अहम फैसले लिए है, आइए जानें उनके बारें में विस्तार से...
 

Top Haryana: हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। सैनी सरकार ने किसानों के हित में एक अहम घोषणा की है, जिससे किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन के स्थानांतरण में होने वाली बड़ी रकम बच सकेगी।

अब जब किसानों को अपने ट्यूबवेल कनेक्शन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करना होगा तो उन्हें इसके लिए कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले किसानों को अपने कनेक्शन को स्थानांतरित करने के लिए 30 से 40 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते थे जो अब पूरी तरह से माफ कर दिया गया है।

ट्यूबवेल कनेक्शन स्थानांतरण की नई नीति

जानकारी के मुताबिक ट्यूबवेल कनेक्शन स्थानांतरित करने के लिए सरकार ने कुछ शर्तें भी निर्धारित की हैं। ये स्थानांतरण केवल तब संभव होगा जब ट्यूबवेल खराब हो गया हो, पानी में लवणता (नमक) की समस्या हो या फिर भूमि पर कब्जा होने की वजह से कनेक्शन को स्थानांतरित करने की जरूरत हो।

इसके अलावा जहां कनेक्शन को स्थानांतरित किया जाएगा वह भूमि उस उपभोक्ता के स्वामित्व में होनी चाहिए। साथ ही, उपभोक्ता को किसी भी बिल का भुगतान में डिफाल्टर (बकायेदार) नहीं होना चाहिए।

किसानों की मांग पर सरकार का बड़ा कदम

कई किसान संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया था कि ट्यूबवेल कनेक्शन के स्थानांतरण की फीस को माफ किया जाए क्योंकि प्रदेश में कई ट्यूबवेल खराब हो गए हैं। इसके पीछे कारण था कि भूजल स्तर नीचे गिर रहा है और ट्यूबवेल में पानी की कमी हो रही है।

इसके साथ ही कई स्थानों पर पानी में लवणता (नमक) की समस्या भी उत्पन्न हो रही है, जिससे ट्यूबवेल का पानी उपयोगी नहीं रहा। किसानों का कहना था कि ऐसे में उन्हें राहत मिलनी चाहिए ताकि वे अपना कनेक्शन बदल सकें और उन्हें आर्थिक बोझ से बचाया जा सके।

फैसला किसानों के लिए राहत का कारण

इस कदम से किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। खासकर उन किसानों को जो पुराने ट्यूबवेल कनेक्शन के कारण परेशान थे और जिनकी ट्यूबवेल खराब हो चुकी थी। इस निर्णय से किसानों के खर्चों में कमी आएगी और उन्हें अपनी फसल की सिंचाई में कोई समस्या नहीं होगी।

सैनी सरकार के इस फैसले ने किसानों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाया है और यह दिखाता है कि सरकार किसानों की समस्याओं को समझते हुए उनके लाभ के लिए काम कर रही है।