Haryana News: मुख्यमंत्री नायब सैनी की बड़ी घोषणा, खराब फसल पर मिलेगा 15 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा

Haryana News: सैनी सरकार ने हरियाणा के किसानों को बड़ा तौहफा दिया है, आइए जानें इस नई योजना के बारें में...
 

Top Haryana News: हरियाणा के हिसार जिले में स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 21 सितंबर से दो दिवसीय कृषि मेला शुरू हुआ। इस मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किया।

मेले में किसान नई कृषि तकनीकों और जानकारियों से रूबरू हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विश्वविद्यालय को भारत का गौरव बताते हुए यहां के वैज्ञानिकों की सराहना की जिन्होंने किसानों की समस्याओं का समाधान और कृषि के विकास के लिए निरंतर शोध किए हैं।

किसानों को मिलेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कृषि मेला के दौरान एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाढ़ और जलभराव से प्रभावित किसानों को अब मुआवजा मिलेगा।

सरकार ने तय किया है कि ऐसे किसानों को 15 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चूंकि वह खुद एक किसान हैं इसलिए उन्हें किसानों की मुश्किलें समझने में कोई कठिनाई नहीं होती।

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मुआवजा दावे

किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया था जहां किसानों ने अपनी खराब फसलों के बारे में जानकारी दी थी।

15 सितंबर तक लगभग 5 लाख किसानों ने पोर्टल पर अपनी 29.49 लाख एकड़ भूमि पर हुए नुकसान का दावा किया था। अब इन दावों का सत्यापन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिसके बाद मुआवजा राशि निर्धारित की जाएगी।

सत्यापन प्रक्रिया में हो रही है तेजी

राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, दावों का सत्यापन कई चरणों में हो रहा है। पहले चरण में पटवारी दावों की जांच कर रहे हैं। इसके बाद कानूनगो, सर्किल राजस्व अधिकारी, नायब तहसीलदार और तहसीलदार द्वारा पुनः सत्यापन किया जाएगा।

जिला राजस्व अधिकारी और एसडीएम भी सत्यापन में शामिल होंगे। इसके बाद जिलों के डीसी और संभागीय आयुक्त द्वारा पुनः सत्यापन किया जाएगा। सरकार ने सत्यापन प्रक्रिया को 25 सितंबर तक पूरा करने की योजना बनाई है।

कृषि मेला और किसानों की उम्मीदें

कृषि मेला किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है जहां वे कृषि की नई तकनीकों, योजनाओं और फसल सुधार के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणा से बाढ़ और जलभराव से प्रभावित किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा।