Haryana news: HSSC सचिव की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को भेजा नोटिस, जानें इसकी वजह
Top Haryana: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) में सचिव की नियुक्ति को लेकर विवाद बढ़ गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
दरअसल याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद HSSC सचिव की नई नियुक्ति नहीं की गई जो आदेश का अपमान है।
कोर्ट के पुराने आदेश का हवाला
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील अंकुर सिधार ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 31 मई 2024 को दिए अपने फैसले के पैरा 79 की क्लॉज डी में साफ निर्देश दिए थे कि HSSC सचिव के पद पर ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया जाए जिसे परीक्षा संचालन का अनुभव हो।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह नियुक्ति राज्य विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के अनुभव वाले व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए की जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस निर्देश का पालन नहीं किया गया।
पहले ही हो चुकी नियुक्ति
राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट में दलील दी कि विनय कुमार को 1 फरवरी 2024 को ही HSSC का सचिव नियुक्त किया जा चुका था। इसलिए 31 मई को कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का पालन पहले ही हो चुका था।
सरकार ने यह भी कहा कि जब कोर्ट में CET से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हो रही थी उस समय विनय कुमार सचिव नहीं थे। इसलिए कोई नई नियुक्ति जरूरी नहीं है।
याचिकाकर्ता की आपत्ति
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में यह भी कहा गया कि विनय कुमार ने खुद रिट कोर्ट के सामने हलफनामा दाखिल किया था और HSSC सचिव के रूप में ही अपना पक्ष रखा था।
ऐसे में कोर्ट इस बात से अवगत था कि विनय कुमार सचिव हैं फिर भी अदालत ने नई नियुक्ति के निर्देश दिए। इसका मतलब यह है कि कोर्ट की नजर में सचिव की नियुक्ति ठीक नहीं मानी गई थी।
22 जुलाई को अगली सुनवाई
हाईकोर्ट की जस्टिस हरकेश मनुजा की खंडपीठ ने इस मामले में दो दिन का समय देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 22 जुलाई 2025 तय की है।
कोर्ट ने सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है कि आखिर कोर्ट के निर्देशों का सही तरीके से पालन क्यों नहीं किया गया। अगर सरकार जवाब देने में नाकाम रही तो यह मामला अपमान की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
यह मामला अब कानूनी पेच में फंसा हुआ है और 22 जुलाई को तय होगा कि सरकार का जवाब कोर्ट को संतुष्ट कर पाता है या नहीं।