Budget 2025: मेड इन इंडिया के चलते टीवी और मोबाइल हुए इतने रुपये सस्ते, जानें पूरी खबर

Budget 2025: लिथियम की बैटरी और टीवी सहित इलेक्ट्रॉनिक आइटम अब कम कीमतों पर मिलेंगे। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रिक गड़िया भी सस्ती होंगी। इसके अलावा देश में बनने वाले सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक आइटम सस्ते होंगे।
 

TOP HARYANA: देश में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 1 फरवरी 2025 को 8वां बजट लोगों के सामने पेश किया। इस बजट में उन के द्वारा कई बड़े ऐलान किए गए। उन्होंने कहा कि हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी को ओर बेहतर किया जाएगा और प्रसार किया जाएगा। भारत के सभी सरकारी विधालयों में है स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी। 

इलेक्ट्रॉनिक आइटम सस्ते होंगे

2025 में पेश हुए बजट में मोबाईल फोन सेंसर, फिंगरप्रिंट रीडर, यूएसबी केबल, रिसीवर, माइक्रोफोन, और वायर्ड हेडसेट रॉ मैटेरियल, कनेक्टर, और कैमरा मॉड्यूल, और पार्ट्स पर लगने वाले सीमा शुल्क को अब समाप्त कर दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि पहले इन सभी प्रॉडएक्ट पर 2.5 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती थी। इस कारण से अब मोबाईल फोन का मूल्य कम हो सकता है। इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर अब सीमा शुल्क बढ़ाके 20 फीसदी कर दिया गया है, हालांकि एलसीडी एलईडी टीवी ओपन बिक्री और घटक से कस्टम ड्यूटी हटा दी गई है। अब से प्रीमियम टीवी की कीमते बढ़ेगी परंतु LCD-LED TV के दाम कम होंगे।

लिथियम बैटरी और TV सहित इलेक्ट्रॉनिक आइटम के दाम कम होंगे। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रिक गड़िया के प्राइस भी कम होंगे। मोबाइल फोन से लेकर TV तक ये प्रॉडएक्ट की कीमते कम हो जाएगी। इसके अलावा देश में बनने वाले सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक आइटम के दाम कम होंगे। ये खबर भारतीय उद्योग व बैटरी निर्माण के क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा है। सरकार ने इस बार कोबाल्ट पाउडर और लिथियम-आयन बैटरी के स्क्रैप, सीसा, जिंक और बाकी 12 आवश्यक खनिजों को बेसिक सीमा शुल्क से बाहर रखा जाएगा।

इस छूट का प्रभाव

  • इलेक्ट्रिक गड़िया के उद्योग में बढ़ोतरी: बैटरियों के लिए जरूरी खनिजो के दाम कम होंगे जिससे इलेक्ट्रिक साधन बनाने में लागत कम होंगी।

  • मेक इन इंडिया को बढ़ावा: घरेलू बैटरी के निर्माण में बढ़ोतरी होगी, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को और मजबूती मिलेगी।

  • नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर को फायदा: लिथियम-आयन बैटरियों का प्रयोग ऊर्जा भंडारण में भी अब किया जाएगा, जिससे अक्षय ऊर्जा को स्पॉट मिलेगा। 

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को भी मिलेगी सहायता: इन खनिजों की लागत में कमी से इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य विनिर्माण उद्योगों को भी फायदा होगा।