7Th Pay Commission Update: जाने केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं, वेतन एवं भत्ते से जुड़ी महत्वपुरण जानकारी
Top Haryana, New Delhi: अक्सर प्राइवेट सेक्टर में व्यक्ति को वेतन ज्यादा मिलता है सरकती से। फिर भी भारतीय लोगों को सरकारी नौकरी करना पसंद है। जहां यदि कोई एक इंसान सरकारी चपड़ासी लगता है 12000 वेतन के साथ और क्लर्क तक जाता है 40-45000 वेतन के साथ, वहीं अधिकतर प्राइवेट नौकरी ऐसी होती है जिनमें लगते ही शुरुवाती सैलरी 25-30000 होती है।
लोगों का सरकारी नौकरी के पीछे भागने के कई कारण है जैसे- नौकरी में मिलने वाली सुविधा, स्थिरता, समाज में सम्मान, और वेतन आदि। इन्ही कुछ सरकारी सुविधाओं के कारण (Facility Of government employees) अक्सर लोग ज्यादा सरकारी नौकरी की तरफ ज्यादा प्रभावित होते है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी का 3।80 लोग सरकारी नौकरी में है।
हर साल लाखों-करोड़ों लोग सरकारी नौकरी को पाने के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन सिर्फ कुछ ही लोगों को सरकारी नौकरी मिल पाती है। सरकारी नौकरी में भी 2 भाग होते है 1- राज्य की सरकारी नौकरी और 2- सेंटर की सरकारी नौकरी। अक्सर इन दोनों में से लोग सेंट्रल की नौकरी को ज्यादा पसंद करते हैं जिसके बहुत से कारण है।
डीए (Dearness Allowance) की सुविधा-
डीए यानि Dearness Allowance- केंद्र के सरकारी कर्मचारी को हर वर्ष महंगाई भत्ता बढ़ाकर दिया जाता है। यानि यदि बाजार में मेनघई बढ़ती है तो केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों (Centeral Government employees) को महंगाई के हिसाब से भत्ता बढ़ा के दिया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी रिटाइर है तो उसकी पेंशन में भी यह भत्ता बढ़ा के दिया जाएगा।
रहने की सुविधा-
भारत में केंद्रीय कर्मचारियों को बहुत सी सुविधाएं मिलती हैं। सरकार द्वारा केन्द्रीय कर्मचारी को रहने के लिए आवास दिया जाता है, जबकि उच्च अधिकारी जैसे ग्रुप ए लेवल के अधिकारियों को अनेकों लाभ मिलते हैं। इनमें रहने के लिए घर और घर में काम करने के लिए सहायक के साथ कार और हमेशा एक ड्राइवर भी शामिल होता है।
अच्छी चिकितशक सुविधाएं-
केंद्र सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार को बेहतर और फ्री में मेडिकल सुविधाएं मिलती है। सरकार की तरफ से कर्मचारी और उनके परिवार को फ्री में मेडिकल इंश्योरेंस (free medical insurance) दिया जाता है। इसके अलव बड़े बड़े प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज फ्री में होता है।
जॉब सिक्योरिटी रहती है-
केंद्रीय कर्मचारियों की नौकरी छिन जाने का डर नहीं होता, जब तक कोई अंदर की जांच न बैठे तब तक कारांचारी की नौकरी पक्की रहती है। प्राइवेट कंपनी के कारांचारी को हमेशा डर रहता है की कहीं कंपनी उन्हे किसी भने से निकाल न दे। वहीं केंद्रीय कर्मचारियों की अपने जीवन में 58 की उम्र तक अपनी सेवाएं देनी होती है फिर बाद में रिटायर होने के बाद आजीवन पेंशन जैसी सुविधा मिलती है।
वर्किंग ऑवर नहीं बढ़ते-
भारत में केंद्रीय कर्मचारियों के नौकरी करने के घंटे फिक्स रहते है, अक्सर प्राइवेट सेक्टर में देखा जाता है की एक इम्प्लॉइ 16 घंटे काम करता हाईऊ परंतु केंद्र सरकारी नौकरी में ऐसा नहीं है। बहुत ही कम ऐसे मोके मिलते है जिनमें सरकारी कर्मचारी को ज्यादा देर तक काम करना होता है।