Wheat Purchase 2025: हरियाणा में गेहूं की हुई ऐसी बरसात कि रिकॉर्ड भी भीग गया, सरकार ने खरीदे 3.22 लाख टन एक्स्ट्रा, मंडी बनी सोने की खान

Wheat Purchase 2025: हरियाणा में गेहूं की अच्छी पैदावार और समय पर सरकारी खरीद से किसानों को बड़ा फायदा हुआ है। सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद ने रिकॉर्ड बनाया है और किसानों को अच्छी आमदनी मिली है। आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 

Top Haryana: हरियाणा में इस साल गेहूं खरीद ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। राज्य की मंडियों में 2 मई तक 68.44 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है, जो पिछले साल इसी समय तक हुई 65.22 लाख मीट्रिक टन खरीद से 3.22 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है। यह जानकारी ई-खरीद पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों से मिली है।

सबसे ज्यादा खरीद करनाल से

इस बार सबसे ज्यादा गेहूं करनाल जिले से खरीदा गया है। यहां के किसानों से 7.81 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। इसके बाद कैथल जिले से 6.93 लाख मीट्रिक टन, जींद से 6.77 लाख मीट्रिक टन और फतेहाबाद से 5.89 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। इससे साफ है कि इन जिलों में किसानों ने अच्छी पैदावार ली है।

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अब तक कितना गेहूं मंडियों में आया

राज्य में इस सीजन में कुल 69.95 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है। इनमें से खरीद एजेंसियों ने 79.75% यानी 55.72 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों से उठा लिया है। इसका मतलब है कि ज्यादातर गेहूं सरकार द्वारा खरीद लिया गया है और किसानों को भुगतान भी मिल चुका है।

खरीद का लक्ष्य और स्थिति

हरियाणा सरकार ने इस बार 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। राज्य में कुल 24.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की खेती की गई थी। अब जब गेहूं की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है, तो खरीद भी अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है।

उत्पादकता जानने के लिए फसल कटाई प्रयोग (CCE)

हरियाणा के कृषि विभाग ने गेहूं की औसत उपज जानने के लिए हर जिले में फसल कटाई प्रयोग (CCE) करवाया। यह सर्वे अप्रैल के आखिरी हफ्ते में पूरा हुआ। इसमें विभाग ने खेतों में जाकर फसल काटी और देखा कि एक एकड़ में कितनी उपज हो रही है।

पैदावार में भी बढ़ोतरी

शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार गेहूं की औसत पैदावार 24 क्विंटल प्रति एकड़ रही है, जो पिछले साल से करीब 1 क्विंटल ज्यादा है। करनाल के कृषि अधिकारी वजीर सिंह के मुताबिक, अंतिम रिपोर्ट मई के अंत में आएगी। करनाल जिले के करीब 1 हजार 700 खेतों में फसल कटाई प्रयोग किए गए थे।

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