Mustard Seeds: HAU ने ईजाद की सरसों की हाइब्रिड किस्म, अधिक पैदावार से किसान होंगे मालामाल
Top Haryana, New Delhi: हरियाणा के हिसार में स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम कर रहा हैं। अब तक HAU ने कई तरह कि किस्में विकसित की हैं जिससे किसानों को काफी फायदा होता है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सरसों की एक नई हाईब्रिड किस्म RHH 2101 विकसित की है।
इस किस्म से किसानों को काफी अधिक मुनाफा होगा। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह किस्म उपज के साथ तेल उत्पादन में भी काफी बेहतर साबित होगी। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीआर कांबोज ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय संस्थान ने पहली बार हाइब्रिड सरसों की किस्म विकसित की है।
इससे पहले भी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय कई तरह की किस्में विकसित कर चूका हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रोजेक्ट के तहत विकसित की गई यह किस्म 28 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देगी। इस किस्म से किसानों को काफी अधिक फायदा होगा। किसानों को इस किस्म में तेल की मात्रा भी अधिक मिलेगी।
इस किस्म की सरसों में मध्यम मोटे दाने वाली इस सरसों में 40 फीसदी तेल की मात्रा रहेगी। सिंचाई वाले क्षेत्रों में यह फसल 135 से 142 दिनों में तैयार हो जाएगी। इस किस्म को कम पानी वाले स्थानों पर भी उगाया जा सकता हैं। आपको बता दें कि इस किस्म को भिवानी जैसी रेतीली जमीन में दो से तीन सिंचाई और हिसार और जींद जैसी मिट्टी में एक सिंचाई की ही जरूरत होगी।
RHH 2101 हाइब्रिड किस्म दूसरी अन्य किस्मों से 8 प्रतिशत अधिक पैदावार देती है। इस किस्म ने पिछले चार-पांच सालों बेहतर परिणाम दिए हैं। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए HAU के सरसों विशेषज्ञ डॉ.राम अवतार ने बताया कि किसानों को अगले साल तक इस हाइब्रिड किस्म का बीज बाजार में मिल जाएगा। उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
जैसे ही हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की यह किस्म जारी व नोटिफाई होगी, कुछ बीज कंपनियां के साथ में मिलकर बीज को बंटा सकती हैं। संस्थान इस किस्म के पर्याप्त बीज का उत्पादन करने के लिए प्रयास कर रहा हैं। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से मंजूरी मिलते ही इसे जारी कर दिया जाएगा।