Haryana news: किसानों भाइयों को सरकार की तरफ बड़ा तोहफा, अब बिना पोर्टल के भी बेच सकेंगे फसल

Haryana news: किसान भाइयों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अब ऐलान किया है कि अब किसान अपनी फसलों को ऑफलाइन तरीके से भी बेच सकते है, आइए जानें पूरी खबर...
 

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब जिन गांवों में चकबंदी (यानी खेतों की कानूनी सीमाएं तय करने की प्रक्रिया) पूरी नहीं हुई है, वहां के किसान अपनी फसल को ऑफलाइन तरीके से बेच सकेंगे।

इसके लिए अब उन्हें “मेरी फसल - मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री नायब सैनी ने की। उन्होंने खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की समीक्षा बैठक में ये फैसला लिया। बैठक में राज्य मंत्री राजेश नागर भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जिन गांवों में चकबंदी नहीं हुई है, वहां के किसानों से गेहूं की खरीद सीधे ऑफलाइन माध्यम से की जाए, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। उन्होंने यह भी कहा कि मंडियों में सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं ताकि फसल खरीद का काम आसानी से हो सके।

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क्यों जरूरी था यह फैसला?

बहुत सारे गांवों में अभी तक चकबंदी पूरी नहीं हुई है, जिसकी वजह से वहां के किसानों का डाटा पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। इसी कारण वे अपनी फसल पोर्टल के ज़रिए नहीं बेच पा रहे थे। अब सरकार के इस फैसले से उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें तकनीकी कारणों से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कत हो रही थी।

हर किसान से खरीदी जाएगी फसल

सरकार ने यह भी साफ किया है कि हर किसान की गेहूं की फसल का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा। इसके लिए मंडियों में पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। सरकार ने भरोसा दिया है कि किसानों को समय पर भुगतान भी किया जाएगा।

मंडियों में होंगे बेहतर इंतजाम

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडियों में किसानों को कोई दिक्कत न हो। फसल की तुलाई, उठान और भुगतान की प्रक्रिया समय पर और पारदर्शी तरीके से की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार शुरू से ही किसानों के साथ खड़ी रही है और आगे भी किसानों के हित में काम करती रहेगी।

किसानों को होगी सीधी राहत

इस फैसले से उन किसानों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी जो पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए थे। अब वे भी अपनी फसल सरकारी रेट पर बेच सकेंगे। सरकार का यह कदम यह दिखाता है कि वह किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और उन्हें हल करने के लिए जमीन पर काम कर रही है।

सरकार का कहना है कि जब तक हर गांव की चकबंदी पूरी नहीं हो जाती, तब तक ऑफलाइन खरीद की सुविधा जारी रहेगी। इससे किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा और वे बिना किसी तकनीकी अड़चन के अपनी फसल बेच सकेंगे।

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