Agriculture news: नकली बीज और कीटनाशक की बिक्री अब अपराध, हो सकती हैं जेल...
Haryana news: हरियाणा विधानसभा में बीज (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया गया, सरकार ने राज्य में घटिया या नकली बीजों के उत्पादन और बिक्री को पूरी तरह से रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं, आइए जानें विस्तार से...

Top Haryana, Agriculture News: हरियाणा में नकली खाद, बीज और कीटनाशक से निपटने के लिए राज्य की सरकार ने बिल में बदलाव कर सख्त प्रावधान लागू किए हैं। इस बदलाव के साथ ही अब बाजार में ऑरिजनल बीज और कीटनाशक के व्यापार को भी काफी बढ़ावा मिलेगा और किसानों को नुकसान भी नहीं झेलना पड़ेगा।
हरियाणा विधानसभा में गुरुवार को बीज (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया गया, जिसमें घटिया या नकली बीजों के उत्पादन और उनकी बिक्री को रोकने के लिए 1 से 3 साल की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माने सहित कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसके साथ ही इसे अब इसे गैर-जमानती अपराध भी सरकार ने घोषित किया गया है।
विधानसभा में पारित हुए कई विधेयक
इसके अलावा, कीटनाशक विधेयक, 2025 भी पारित किया गया है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य राज्य में नकली और घटिया किस्म के कीटनाशकों की बिक्री की जांच के लिए एक सख्त कानून बनाया जाएगा।
इसके साथ ही गुरुवार को राज्य विधानसभा ने कुल 6 विधेयक पारित किए गए थे। प्रदेश की सरकार के पास में काफी लंबे समय से लोगों की शिकायतें आ रही थी कि राज्य में नकली बीजों का धंधा काफी अधिक बढ गया है। इसी पर अब संज्ञान लेते हुए सरकार ने यह कड़ा नियम लागू किया है।
एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया है कि बीज विधेयक, 2025 में नकली बीज बनाने वाली सभी कंपनियों और उन्हें बेचने वाली के लिए सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं। इस संशोधन के हिस्से के रूप में, अब धारा 19 के बाद धारा 19-ए को भी जोड़ा गया है, जो हरियाणा में बीज अधिनियम, 1966 की धारा 7 के उल्लंघन के बारे में बताती है।
गैर-जमानती होगा अब यह अपराध
राज्य सरकार ने ऐसे उल्लंघनों को अब संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बना दिया है। इस विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के अनुसार, बीज अधिनियम, 1966 को बिक्री के लिए कुछ बीजों की गुणवत्ता मे सुधार के लिए लाया गया था।
अब यह देखा गया है कि राज्य के कई उत्पादक, डीलर और विक्रेता ऐसे बीजों के उत्पादन, उनके भंडारण, बिक्री, आयात, परिवहन आदि तरह के कामों में लगे हुए हैं जो मानकों के अनुसार नहीं हैं। इसी पर सरकार ने अब यह विधेयक लागू किया है।
आपको जानकारी के लिए यह भी बता दें कि किसानों को ऐसे बीज बेचे जा रहे हैं जो कृषि उपज की उत्पादकता में सुधार के लिए काफी अच्छे परिणाम नहीं देते हैं। इसी के परिणामस्वरूप फसल उत्पादन की लागत लगातार बढ़ रही है और अर्थव्यवस्था को काफी अधिक नुकसान हो रहा है।
इसलिए हरियाणा सरकार राज्य में घटिया बीजों की बिक्री को रोकना उचित समझती है। सरकार ने इसी उद्देश्य के लिए बीज अधिनियम, 1966 की धारा 7 के उल्लंघन के लिए धारा 19 के बाद अब धारा 19ए जोड़ दी है।
सजा के प्रावधान और अधिक कड़े किए गए
सरकार ने अब संशोधित प्रावधानों ने नकली, मिलावटी और घटिया किस्म के बीजों के उत्पादन, बिक्री और वितरण में शामिल लोगों के लिए दंड को अधिक मजबूत कर दिया है। सरकार के द्वारा बनाए गए नए प्रावधानों के तहत, ऐसे बीजों के उत्पादन करने के दोषी पाए जाने वाली किसी भी कंपनी या उत्पादक को अपराध करने पर कम से कम 1 से 2 साल की कैद और 1 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है।