Haryana news: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, किसानों से फसली कर्ज पर अब ब्याज नहीं पड़ेगा देना

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। अब राज्य के किसानों को फसली कर्ज पर कोई ब्याज नहीं देना होगा। सरकार ने इसके लिए अधिकारियों को साफ निर्देश जारी कर दिए हैं कि किसी भी किसान से ब्याज की वसूली न की जाए। यदि किसी किसान से गलती से ब्याज लिया गया है, तो वह पैसा उसे वापस लौटाया जाएगा।
पहले बढ़ाया गया था ब्याज
19 अप्रैल को हरियाणा कोऑपरेटिव बैंक मुख्यालय की तरफ से एक आदेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि किसानों से फसली लोन पर 7% ब्याज लिया जाएगा। पहले यह ब्याज दर केवल 4% थी। यानी सरकार ने फसली लोन पर ब्याज दर 3% बढ़ा दी थी।
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हुआ विरोध विपक्ष ने उठाए सवाल
जैसे ही यह आदेश सामने आया, विपक्षी दलों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। खासतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार दावा कर रही थी कि किसानों से 4% से ज्यादा ब्याज नहीं लिया जाएगा, लेकिन अब 7% ब्याज लिया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसान पहले से ही सूखा, ओलावृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से परेशान हैं। ऐसे में उन पर ब्याज का अतिरिक्त बोझ डालना गलत है। उन्होंने सरकार से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की थी।
सरकार ने बदला फैसला
विपक्ष के विरोध और किसानों की परेशानियों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 19 अप्रैल वाले आदेश को वापस ले लिया है। अब नए आदेश में कहा गया है कि किसानों से फसली लोन पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं लिया जाएगा।
हरियाणा कोऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक की ओर से सभी एमपैक्स और शाखा प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी कर्जदार किसान से ब्याज न लें। साथ ही यदि किसी किसान से ब्याज लिया गया है, तो उसे वापस लौटाया जाए।
आदेश तुरंत लागू करने के निर्देश
नए आदेश में यह भी साफ कहा गया है कि सभी बैंक शाखाएं और एमपैक्स इस नियम को तुरंत लागू करें। जब तक मुख्यालय की ओर से कोई नया आदेश नहीं आता, तब तक बिना ब्याज के ही वसूली की जाए।
क्या होता है फसली कर्ज?
फसली कर्ज किसानों को खेती के लिए आर्थिक मदद के तौर पर दिया जाता है। इससे किसान बीज, खाद, कीटनाशक और दूसरी जरूरी चीजें खरीदते हैं। यह कर्ज आम तौर पर एक सीजन के लिए दिया जाता है और फसल कटने के बाद किसान इसे चुका देते हैं।
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